मेरी भी उम्र हो गई.. और सैकड़ों बार मैने संसद में माननीय जन प्रतिनिधियों को हद दर्जे की चिल्लाचोट करते जूतम-पैजार करते गाली-गलौजे करते तोड़-फोड़ करते और निहायत असंसदीय और अमर्यादित और वहशियाना व्यवहार करते झूठ बोलते मक्कारी करते और यहां तक कि पोर्न फिल्म देखते भी देखा है..
पर हाय !!.. कुर्बान जाऊं ऐसी मासूमियत पर कि एक "आँख मारने" पर छुई-मुई हो छिड़ गए !!.. और सब ऐसे खिसिया शर्मा रहे हैं और चिल्ला भी रहे हैं और शिकायत भी करने लगे हैं जैसे इनका बलात्कार हो गया हो..
लगता है शायद इनके साथ कुछ सही में बलात गलत तो हो ही गया है.. जैसे कि इनकी इज़्ज़त के कचरे हो गए हों.. बेचारे !!
ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl
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