Friday 10 June 2016

// बंदे में दम तो है .. पर ऐसे वैसे दम का करें क्या ?? ....//


मोदी पंच देशाटन कर लौट आए हैं .... और देशवासी प्रसन्न हैं - ऐसे ही जैसे जब नटखट मुन्ना घर के बाहर गया हो और सकुशल लौट आये तो माँ-बाप प्रसन्न हो जाते हैं ....

और यात्रा को सफल बताया जा रहा है .. मुख्य रूप से अमेरिका के क्रियाकलापों और घटनाओं को तथा मोदी के मार्फ़त १२५ करोड़ भारतियों को मिले आदर सत्कार को सराहा जा रहा है ....

और भक्त खुश हैं - और उचित ही खुश हैं - और कह रहे हैं - बंदे में दम तो है .. बंदा यानि मोदी !! .. वही मोदी जिसे मेक्सिको के राष्ट्रपति खुद कार ड्राइव कर खाना खिलवाने ले गए थे .. कभी सुना था ऐसा ?? .... और भक्त तो यहां तक मान बैठे हैं कि देखना जब वो दिल्ली आएँगे तो मोदी दमखम से उन्हें ई-रिक्शा में बैठा चांदनी चौक के छोले भटूरे खिलवाने ले जाएंगे .... हाँ नहीं तो !! .... 

और मैं भी मानता हूँ कि बंदे में दम तो है - वर्ना उपलब्धि यूं ही सड़क पर पड़ी थोड़े ही मिलती है ....
और इसी मापदण्ड अनुसार मैंने सदैव माना कि केजरीवाल में भी दम तो है ही .. पर ना मालूम क्यों ये बात भक्त नहीं मानते ....

और भक्त तो यह भी नहीं मानते कि विजय माल्या में भी दम है .. पर मैं मानता हूँ कि दम तो विजय माल्या में भी है - और ललित मोदी में भी है - और सुब्रमण्यम स्वामी में भी है - और रामदेव में तो कूट कूट कर भरा है .... और दिवंगत रामवृक्ष यादव में तो बस दम ही दम था - बाकी कुछ भी तो नहीं था ....

और इसलिए मैं कभी-कभी सोचता हूँ कि इस देश के सभी दमदार लोगों में दम तो बहुत है पर समझ नहीं आता कि ऐसे दम का करें क्या ???? ....

मसलन मोदी में दम तो बहुत है .. पर दालों के दाम कम करने में मिद्द निकली जा रही है .... और देश में घृणा का वातावरण निर्मित किया जा रहा है - साम्प्रदायिकता को इलेक्ट्रिक पंखे लगा लगा कर हवा दी जा रही है .. और बंदा ५ देश इकट्ठे घूम वहां गैस का दम भर रहा है .. दमखम से इंटरनेशनल दमदारों को भाषण सुना रहा है - उपदेश दे रहा है - तालियां पिटवा रहा है - भारत देश का मान सम्मान बढ़वा रहा है ....

सही में सराहनीय और सोचनीय भी ....

आप भी सोचियेगा .... ठीक है !!

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