Tuesday 7 June 2016

// वाह ठाकुर साहब वाह !! .. क्या औकात बताई है .. मज़ा आ गया ..//


कृपया स्मरण हो कि मोदी चाहते हैं और प्रयासरत हैं कांग्रेस मुक्त भारत के .... निश्चित ही प्रयास है विरोध शून्य शासन कर गुजरने के अवसर प्राप्त करने का .... ठीक भी है - अँधा क्या मांगे - दो आँखे ....

इसके पहले मोदी शाह को पार्टी का अध्यक्ष बना तथा ताऊओं का मंडल बनवा पार्टी में एकाधिकार स्थापित कर ही चुके हैं .... और उधर ओबामा और शरीफ से दोस्ती कर विश्व व्यापी विरोध पर भी वो रायता फैला चुके हैं ....

यानि समझो तो मैदान साफ़ ही था ....

पर पहले आड़े आ गए केजरीवाल .. और उसके बाद गाहे बगाहे न्यायपालिका उनके एकाधिकार में खलल पैदा करती रही है .... या यूँ कहें कि उचित लगाम कसती ही रही है ....

अब केजरीवाल का कोई तोड़ तो निकला नहीं .. पर मोदी जी ने विचलित हो अपने चंगु मंगुओं को न्यायपालिका को दुरुस्त करने के प्रयास में लगा दिया .... 
पहले जेटली फिर गडकरी फिर पर्रिकर आदि मंत्री इस काम पर लगाए गए थे कि - कोसो न्यायपालिका को .. कहो बुरा भला ....

पर आप सीधे-सीधे न्यायपालिका को ऐसे गाली तो दे नहीं सकते जैसे कि कांग्रेस को - या चिढ कर आप ऐसे खीज भी नहीं निकाल सकते जैसे केजरीवाल का उपहास करने का प्रयास कर या उन्हें नक्सली कहकर .. तो मंत्रियों ने मन मसोस अत्यंत शालीनता बरतते हुए कहा था - "न्यायपालिका को कार्यपालिका के कार्यक्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए" .... बस !!

और आज प्रधान न्यायाधीश ठाकुर साहब ने भी जवाब दे दिया - उतनी ही "शालीनता" के साथ .... 

"न्यायपालिका केवल तब हस्तक्षेप करती है जब कार्यपालिका अपने संवैधानिक दायित्व निभाने में विफल रहती है" ..
वाह !! ....
"अदालतें केवल अपने संवैधानिक कर्तव्य का पालन करती हैं - यदि सरकार अपना दायित्व पूरा करे तो न्यायपालिका को दखल देने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी" ..
वाह !! वाह !! ....
"यदि सरकार के स्तर पर विफलता या उपेक्षा दिखाई देगी तो न्यायपालिका निश्चित रूप से अपनी भूमिका निभाएगी" ..
वाह !! वाह !! वाह !! ....
"हम केवल संविधान द्वारा तय किए गए दायित्वों का पालन कर रहे हैं" ..
वाह !! वाह !! वाह !! वाह !! ....
"लोग शिकायत लेकर तभी अदालतों में आते हैं जब कार्यपालिका की ओर से उनका अनादर होता है या उपेक्षा की जाती है" ..
वाह !! वाह !! वाह !! वाह !! वाह !! ....
"केंद्र सरकार को दोषारोपण करने की बजाए अपने काम पर ध्यान देना चाहिए" ..
समझे !! ....

यानि उपरोक्त "शालीन" भाषा को यदि मैं अपनी लुच्ची भाषा में समझने समझाने का प्रयास करूँ तो - मित्रों !! .. बात यूँ हुई है कि ....

मोदी बोले .. जज साहब अपनी औकात में रहना .. और जज साहब बोले .. अपनी औकात में ही रहकर आपको आपकी औकात बता रहे हैं .... समझे !! ....

और इसलिए मैं ठाकुर साहब को बधाई देते हुए उनके हर कथन पर बोल उठा - वाह !! वाह !! वाह !! .... समझे !! ....

// मेरे 'fb page' का लिंक .... << https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl >> //

No comments:

Post a Comment