Wednesday 1 June 2016

// जीडीपी बढ़ने का असर .. तरबूज ८० रुपये का ....//


फल के ठेले पर गया .. मध्यम आकार का तरबूज लिया .. कीमत ८० रुपये .. यूँ ही पूछ लिया कि - तरबूज़ इतना महंगा क्यों ?? .. जवाब आया - जीडीपी जो बढ़ रही है ....

अईंsssss !! .. जीडीपी ?? .. भाई जीडीपी से तरबूज का क्या लेना देना ?? ....

बाउजी !! जब से मोदी आए हैं सब चिल्ला रहे हैं जीडीपी बढ़ रही है .. और आप देखो ना - केवल तरबूज ही नहीं बाकी सभी फल सब्जी दाल रोटी आदि भी तो महंगी हो रही हैं कि नहीं ?? ....

मैं पूरे ८० रुपये दे तरबूज ले लौटा आया .... पर हँसी रुक नहीं रही थी - श्रीमती जी ने पूछ लिया - क्या बात है आज फिर इतना हँस क्यों रहे हो ?? .. मैनें पूरी बात बताई .. तरबूज इसलिए महंगा क्योंकि जीडीपी बढ़ रही है ....

और श्रीमती जी बोलीं .... मालूम है ठेले वाला भी स्कूल पास और बीए फेल है ....

और अब मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि मैं अब तक हँस क्यों रहा हूँ .. मेरा तो रोना बनता है ..

पर क्या करूँ मध्यमवर्ग से जो हूँ - और ईश्वर की दया से और बुज़ुर्गों के आशीर्वाद से तरबूज खरीदने के लिए ८० रुपये भी सुलभ हैं - इसलिए हँसने-हँसाने की फितरत सी बन गई है .. बस जब कभी गरीब के दुखड़े का एहसास होता है तो रोने का जी जरूर करता है ....

खैर तरबूज काटने से पहले "स्वार्थवश" आज ईश्वर से प्रार्थना जरूर करूंगा कि - हे ईश्वर जैसे मोदी सरकार ख़राब निकल गई वैसे ही ये तरबूज भी खराब ना निकल जाए .... बस !! .. फिर जीडीपी घटे या बढ़े क्या फर्क पड़ता है .. ?? .. ?? ....

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