पम्पोर .... एक और आतंकी हमला .... और हमले का जवाबदार वही जाना पहचाना लश्करे तैय्यबा ....
गृहमंत्री ने एक बार फिर से कई बार कही अपनी ही पुरानी बात दोहरा दी है कि .. अब यदि उधर से एक भी गोली चली तो फिर इधर से गोलियों की गिनती नहीं की जाएगी ....
और रक्षामंत्री ने तो सदाबहार बचाव एवं झेंप मिटाने वाला बयान पेल दिया है कि .. यह पाकिस्तान की हताशा का नतीजा है .....
मेरी प्रतिक्रिया ....
राजनाथ जी .. हमें १ के आगे की गिनती आती है .. और आपके ये वचन हम पहले भी सुन चुके हैं .... और हमें ये भी मालुम है कि हमारे देश में १ से अधिक टुच्चे हैं फेंकू हैं फांकू हैं बयानवीर हैं ....
और पर्रिकर जी .... समझ नहीं आता कि आखिर आप भी कभी हताश होंगे कि नहीं ???? .. या हमेशा 'उड़ता मंत्री' बन हवा में उन्मुक्त प्रसन्न उड़ते रहेंगे ?? .. अरे हताशा की छोडो - कभी होश में भी आएंगे कि नहीं ????
और मोदी जी .. कोई ढंग तरीके के बढ़िया ज़मीर वाले आदमी नहीं मिले आपको - जो कभी आप से ही हताश होने के बाद गुस्सा पाकिस्तान पर उतार सकें .. या आपने अपनी पूरी टीम ही अपने जैसी चयनित कर ली है ?? ....
जिन्हें १ के आगे की गिनती आती नहीं - और ये हताश होते नहीं .... तौबा !!!!
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