Tuesday 1 September 2015

//// एक वैचारिक संत की विचार शून्य कट्टरपंथियों द्वारा हत्या ....////


कर्नाटका की हम्पी यूनिवर्सिटी के विद्वान प्रोफेसर एम.एम. कलबुर्गी की हत्या कर दी गई ....

मेरे जैसे सीमित जानकारी वाले और साहित्य अनभिज्ञ व्यक्ति को हत्या के बाद ही मीडिया में आई ख़बरों से उस महान व्यक्तित्व के बारे में पता चला ....

पता चला कि वे समाजसेवी थे - विद्वान साहित्यकार थे - मूर्ती पूजा के विरूद्ध थे - रूढ़िवादिता के प्रखर विरोधी थे - और !! - और शायद इसलिए ही कट्टरपंथियों के निशाने पर थे ....

मैनें भले ही कलबुर्गी जी को पहले से नहीं जाना था - पर मैं यह बहुत पहले जान चुका हूँ कि कट्टरपंथ से बड़ा नुकसानदेह और घृणित कुछ भी नहीं .... और इस देश में आज की राजनीति कट्टरपंथ के इर्द गिर्द ही घुमाई जा रही है ....
और कट्टरपंथ को यदि कोई मिटा सकता है तो वो और कोई नहीं - वो कोई ना कोई "कलबुर्गी" जैसा निर्भीक विद्वान ही हो सकता है .... कोई कट्टरपंथी राजनेता तो कदापि नहीं !!!!

अमर वैचारिक संत स्वर्गीय "कलबुर्गी" जी को अति व्यथित मन से श्रद्धांजलि ....

और विचार शून्य 'मरे हुए ज़िंदा' कट्टरपंथी हत्यारों और उनके आकाओं और उनके समर्थकों को धिक्कार ....

और धर्म के ठेकेदारों से पूछना चाहूँगा कि वो कौन सा भगवान है जिसका वो बखान करते हैं ?? और वो कौन सा भगवान है जिसने कलबुर्गी जी को उठा लिया ?? और वो कौन सा भगवान है जिसके पास कलबुर्गी जी पहुंचे होंगे ?? और वो कौन सा भगवान है जिसकी कृपा से कलबुर्गी जी के हत्यारे अभी भी ज़िंदा हैं ?? .... और वो कौन सा भगवान है जो " है " ????

1 comment:

  1. आपके ब्लॉग पर बहुत ढूंढा पर आईएस (इस्लामिक आंतकवादी संगठन) के बारे में पढने को कुछ भी नहीं मिला ना ही बांग्लादेश के ब्लोगर के बारे में... तभी मैं कह रहा हूँ कि अपनी लेखनी को सेंटर से थोडा लेफ्ट की जगह सेंटर में ही लिखिए... भवदीय : दीपक डुडेजा.

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