Saturday 26 September 2015

//// ये पार्टी टिकट बंटवारे को लेकर "बकवास" और "बगावत" क्यों ?? ....////


आर के सिंह - पूर्व गृह सचिव एवं वर्तमान में बिहार के आरा से भाजपा सांसद (भविष्य में निलंबित - निष्कासित भाजपा सांसद) ने आज कुछ ऐसी बात कर दी है जिसे राजनीति में बागी हो जाना कहते हैं .... जैसे कि कुछ समय पहले योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण कर रहे थे और भाजपाई हाथ पाँव से तालियां भाँज रहे थे ....
आर के सिंह कह दिए हैं कि बिहार में पार्टी टिकट ही सही नहीं बँटे.... अच्छे योग्य जीतने वालों के टिकट अकारण काट लिए गए - और गलत छवि वालों को पैसे लेकर टिकट दे दिए गए .....

मेरी प्रतिक्रिया ....

भाजपा में टिकट बाँटने वाले कौन हैं ?? और उनकी छवि कैसी है ?? .... स्पष्ट कर दूँ मेरा प्रश्न है छवि कैसी है ?? मैं औकात पर प्रश्न नहीं उठा रहा हूँ ....

आर के सिंह साहब !! आप औकात वालों को अपनी औकात बता रहे हैं - निश्चित ही आपकी अच्छी छवि और सुधरेगी .... शायद समय आ गया है जब पार्टी लाइन से ऊपर उठ कर भी कभी कभार बगावत करनी ही चाहिए .... और मैं भी ऐसी बगावत के पक्ष में हूँ .... इसलिए आपको बधाई !!!!

पर मित्रो ध्यान रहे मैं योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण की "चुनाव उपराँत" की गई बकवास बगावत के पक्ष में नहीं .... जो आज तक खुद ये नहीं तय कर पाए हैं कि बगावत के बाद करना क्या है ? और कैसे करना है ?? .... नई पारदर्शी पार्टी कब और कैसे बनाना है जो सही लोगों को सही टिकट दे सके ....

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