Monday 7 September 2015

//// बुद्ध की महिमा अपरम्पार ....////


मेरा हमेशा से ही सामयिक विषयों पर ध्यान केंद्रित हो जाता है ....
और इसलिए आजकल मैं बुद्ध के और बुद्धू के बारे में अनायास ही सोचने लगा हूँ .... 

बुद्ध यानी ज्ञान सहित .... बुद्धू यानी ज्ञान रहित ....

तो क्या बुद्धू बुद्ध नहीं बन सकता ??
नहीं बन सकता जी !! - क्योंकि सच तो यह है कि बुद्ध होना तो अपने आप में एक अनोखी सम्पूर्णता है - और सम्पूर्णता हासिल करना हर किसी के बस की बात नहीं - बुद्ध तो बस गौतम बुद्ध ही हो सकते थे ....

तो क्या बुद्धू ज्ञानी भी नहीं हो सकता ??
नहीं हो सकता जी !! - क्योंकि ज्ञानी होने के लिए भी थोड़े बहुत ज्ञान की आवश्यकता होती ही है - फिर बुद्धू तो ज्ञान रहित होता है ....

तो क्या बुद्धू कभी अक्ल कि बात नहीं कर सकता ??
कर सकता है जी !! - और उसके लिए एक ही तरीका है - "बुद्धम शरणम् गच्छामि" - यानि यदि बुद्धू बुद्ध रुपी ज्ञान के प्रति आकृष्ट भर हो जाएं तो भी बुद्धिमानी का परिचय दे सकते हैं ....

इसलिए जब भी कोई बुद्धू या ही कोई सामान्यजन और या ही कोई ज्ञानी "बुद्ध" कि शरण में जाता है तो माना जा सकता है और कहा जा सकता है कि .... निश्चित ही यह उचित सराहनीय संतोषप्रद स्वागत योग्य बौद्धिक कार्य हुआ ....

पुनश्च: .... पर जनाब कुछ बुद्धू बहुत ठस बुद्धी होते हैं .... ऐसे ही मेरे एक मित्र हैं - बहुत अच्छे हैं - पढ़े लिखे हैं - समाज में सम्मानित ससंपन्न हैं - हरिद्वार में रहते हैं - एक राजनीतिक दल से जुड़े कर्तव्यनिष्ठ  कार्यकर्त्ता हैं - नाम भी कमल का पर्यायवाची - और मेरे बहुत प्यारे से आलोचक हैं .... अक्सर मेरे लेख पर उनका लेख के मुद्दे से बिल्कुल अलग एक चिढ़ा कुढ़ा कुंठित संस्कारी कमेंट आ ही जाता है - जिससे मुझे ये ज्ञान होता है कि मेरा लेख खोट रहित था - और क्योंकि वो मेरे लेख में कोई खोट ढूंढ नहीं पाते वो मुझ में खोट आवश्य ढूंढ लेते हैं - और उनकी इसी 'ढूंढ' के चलते न जाने कब और क्यों वो मुझे एक 'शिक्षक' समझने और कहने लगे - और शायद इसलिए ही वो मुझे कभी कभार 'मास्टरजी' भी लिख बैठते हैं ....

इतना सब लिखने का मेरा मकसद बस इतना ही था कि काश !! .... एक और बुद्धू किसी बुद्ध की शरण में चला जाए तो उसे भी ज्ञान हो जाए कि - // हर किसी को शिक्षक मान लेना कदापि उचित नहीं // - और मान ही लिया है तो ज्ञानी शिक्षक का और उसके ज्ञान का तिरस्कार उपयुक्त नहीं .... मित्रो !! मैनें सही कहा ना !!!!

3 comments:

  1. चलो दिग्विजय सिंह ने शादी में किसी को नहीं बुलाया कोई बात नहीं..पर उन्हें कम से कम FTII स्टूडेंट्स and Master Dua को जरूर बुलाना चाहिए था..ऐसे मौकों पर बुजुर्गों का आशीर्वाद मिस नहीं करना चाहिए

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  2. कमल का पर्यायवाची -अरविन्द??????

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  3. Aap to Sahi hi hain ..Desh ka Dushman to bas Modi hai ..kya bolte ho Dua ...Hain hain hain ...

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