Sunday 27 September 2015

//// "मेक-इन-इंडिया" पर कुप्पा लोगों को "मेक इंडिया" से खुजाल क्यों ?....////


केजरीवाल ने कह दिया - " मेक-इन-इंडिया " के बजाय " मेक इंडिया " होना चाहिए ....

और मुझे पूरा भरोसा है कि लाख टके की उपरोक्त बात मोदी जी के दिमाग में ठस ही जानी चाहिए .... क्योंकि ये तो बात ही तर्कपूर्ण है - और किसी पढ़े लिखे कुशाग्र बुद्धि के दिमाग की ही उपज हो सकती है - और इसको तो कोई मंदबुद्धि भी नकार नहीं सकता .... फिर मोदी तो जरूरत के मुताबिक़ सब से अच्छे सुझाव मांगते ही रहते हैं !!!!    

लेकिन ना मालूम क्यों - पूरी भाजपा चिढ कुढ़ गई .... संबित पात्रा कह रहे हैं - जनता ने केजरीवाल को दिल्ली की जिम्मेदारी दी थी - इसलिए वो केवल दिल्ली पर ध्यान देवें - बस दिल्ली पर ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

संबित पात्रा जी !! जनता ने मोदी जी को देश के प्रधानमंत्री के रूप में चौकीदारी करने की जिम्मेदारी सौंपी थी - तो उन्हें मन लगा कर प्रधानमंत्री की जिम्मेदारियों का निर्वहन करना चाहिए .... फिर ये मोदी जी फुदक फुदक कर जब तब चुनावी रैलियों में क्यों पहुँच जाते हैं ?? और प्रधानमंत्री के पद की गरिमा को अपने स्तर तक क्यों गिराते हैं ?? .... अब बिहार चुनाव में दर्जन भर से ज्यादा चुनावी रैली क्यों ?? क्या देश ने मोदी को भाजपा के प्रचार प्रसार करने के लिए चुना था ?? .. शौक है तो दो इस्तीफ़ा और करो प्रचार ....

और हाँ जनाब पात्रा जी !! आपको भाजपा के प्रवक्ता की जिम्मेदारी दी गई है - तो आप मोदी सरकार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बचाव और आप पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल पर टीका टिप्पणी क्यों करते हैं ?? .. आप अपनी भारतीय जनता पार्टी तक ही सीमित क्यों नहीं रहते ?? और आपकी भाषा में यदि प्रतिप्रश्न पूछूँ तो मसलन क्यों नहीं पहले बताते आपके बिहार आरा के सांसद आर के सिंह का दिमाग ठिकाने है या वो पागलपन में कुछ भी बड़बड़ाते रहते हैं - बिलकुल शत्रु की तरह ????

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