Friday 25 September 2015

//// शैतानों को कंकर मारने - और इनकी कुर्बानी देने को दिल चाहता है ....////


मुझे हमेशा से शैतान को कंकर मारने में मज़ा आता रहा है - पर खुद शैतान होने से घृणा करता रहा हूँ - और अन्य को ऊँगली करने से मैं परहेज़ भी करता रहा हूँ ....

और मैं तो कुर्बानी देने के पक्ष में भी रहा हूँ - पर किसी की कुर्बानी लेने को घृणित मानता रहा हूँ - शायद इसलिए ही कि किसी अन्य को ऊँगली करने से मैं परहेज़ भी करता रहा हूँ .... 

मुझे समझ नहीं आता कि लोग शैतानी करते ही क्यों हैं - कुर्बानी का नाटक करते ही क्यों हैं ....

क्यों झूठे वादे करते हैं - क्यों जुमले गढ़ते हैं - क्यों शैतानी करते हैं ????
और क्यों खुद आकंठ सत्ता सुख भोगते हुए "देश सेवा - देश सेवा" का स्वांग रचते हैं ????

इसलिए कभी कभार ऐसे शैतानों पर कंकर मारने का दिल आ ही जाता है - और इनकी कुर्बानी देने को दिल चाहता है ....

1 comment:

  1. shaitano ki chamdhi moti hoti hai.uspe kankadon ka asar hota hai kya???????

    ReplyDelete