Wednesday 9 September 2015

//// आइये इन्द्राणी और उसके 'पतियों' को छोड़ 'पतितों' की ऐसी तैसी करें ..////


बिहार में चुनाव की घोषणा आज हो गई ....
और गठबंधनों की तैयारी भी अंतिम दौर में पहुँच गई .... 

गठबंधन तो इन्द्राणी ने भी कई किए - और कई 'पति' ....

पर ज़रा गौर फरमाएं ..... उससे कहीं अधिक गठबंधन तो बिहार में हो चुके हैं - और 'पतितों' की संख्या अनंत ....

गठबंधन के मामले में तो फिर भी इन्द्राणी के 'पति' ठीक ठाक थे .... पर बिहार के 'पतितों' के गठबंधन का तो कोई स्तर ही नहीं है ....

कौन कब किसके साथ था किसके साथ रहेगा - किसने किसकी इज़्ज़त उतारी और किसे अपनी इज़्ज़त बेची - किसने मर्यादा तोड़ी और किसे मर्यादा का पाठ पढ़ाया - कौन टुच्चा था और कौन टुच्चा निकला - कौन किसके साथ भागा और कौन किसे भगा ले गया - कौन किसकी पैदाइश और कौन किसका बाप - किसने किसको मारा और कौन किसको मारेगा - और कौन जीतेगा और कौन हारेगा - कुछ समझ ही नहीं पड़ रही है ....

समझ में पड़ रही है तो बस एक बात .... इन 'पतितों' के मुकाबले तो इन्द्राणी एक सुशील सभ्य सौम्य शख्सियत है .... और उसने 'पति' भी ठीक ठाक ही चुने थे ..... बस उसकी गलती ये हो गई कि वो राजनीति में ना आकर कुछ और करने लगी .... राजनीति में होती तो हो सकता है .... इन्द्राणी आज "माननीय इन्द्राणी जी" होतीं .... और पीटर - खन्ना - दास आदि 'पति' ना होते हुए वो भी 'पतित' ही होते .... या फिर वो भी "माननीय" हो सकते थे ....

पर अब क्योंकि बिहार चुनाव सर पर आ गए हैं अस्तु मेरा ऐसा मानना है कि अब समय आ गया है जब इन्द्राणी और उनके 'पतियों' पर से ध्यान हटा 'पतितों' के बारे में सोचा जाए .... सोचा जाए किस 'पतित' को जिताया जाए और किसे हराया जाए ????

और मेरा विश्वास करें - बिहार में कौन 'पतित' जीतेगा और कौन हारेगा इसका पता तो ८ नवम्बर को लग जाएगा .... पर इन्द्राणी और उसके 'पतियों' का क्या होगा ये तो अब ना तो मारिया और ना ही आरुषि की आत्मा ही बता पाएगी .... इसलिए समय बर्बाद करने से क्या मतलब ??
आइये इन्द्राणी और उसके 'पतियों' को छोड़ 'पतितों' की ऐसी तैसी करें .... !!!! धन्यवाद !!!!

5 comments:

  1. योगेन्द्र यादव के सर्वे में बीजेपी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बन रही है....वैसे नहीं भी बन रही होती तब भी इधर कोई उन्हें बाउंसरों से नहीं पिटवाता

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  2. vaise Dua chacha aapke param pujya Kejriwal to Lalu ke samdhi ban gaye hain

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  3. I read a few posts on your blog and am extremely impressed with your command on hindi language. I am not qualified to comment on the political situation in India but your blogs and writings are a great inspiration for me. Thanks much and Keep it coming!

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      I started writing in Hindi only recently and the words of appreciation like yours encourage me to continue.
      We missed meeting you at Geeta’s son’s wedding – as we couldn’t attend it due to some personal reasons. Heard a lot about you. Surly I am looking forward to have pleasure of meeting you soon personally.

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  4. अच्छा लगा आपका ब्लॉग. एक तो नित्य अपडेट होता ब्लॉग और उपर से वो भी हिंदी में : और भी अच्छा लगा. दुआ साब अभी लगता है आप सेंटर से थोडा लेफ्ट लिखते हैं.. थोडा सेंटर कर के लिखिए... और अच्छा बन पड़ेगा... जितना भी अच्छा क्यों न हो, मगर यहाँ आपका लेखन एकतरफा राजनितिक प्रतिबद्दता को पुष्ट करता दीख रहा है. मानवाधिकार की आड़ में अल्पसंख्यक के तुष्टिकरण का जो प्रयास शुरू से रहा है - उसी यज्य में दिल्ली में नई आहुति डाली जा रही है. देखिये - सोचिये और विचारिये : बात गलत लगी हो तो अग्रिम क्षमा प्रार्थना सहित, भवदीय : दीपक डुडेजा (ब्लॉग : दीपक बाबा की बक बक)

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