Monday 14 September 2015

//// मेरा दावा - बिहार का चुनाव विकास के मुद्दे पर ही हारा जाएगा ....////


और अंततः अमित शाह के नेतृत्व में एनडीए ने सीटों का एनडीए में सर्वमान्य मान्य बंटवारा कर लिया .... और मानना पड़ेगा कि बंटवारा छोटे मोटे अमान्य बिन्दुओं के रहते सर्वमान्य ही है .... 

यानि अब अगले दिनों में स्पष्ट हो जाएगा की कौन कहाँ से लड़ रहा है .... और फिर शुरुआत होगी प्रचार कहे जाने वाले आरोपों और प्रत्यारोपों की .... और आप हम देखेंगे कि प्यार में लड़ाई में और राजनीति में सर्वमान्य नाजायज़ भी जायज़ होगा ....

और उद्घोषित उद्देश्य तो सबका एक सर्वमान्य उद्देश्य ही होगा - और वो होगा - "बिहार का विकास" - विकास ! विकास !! विकास !!!!
पर जब आप ज़रा सा भी गौर से देखने का प्रयास करेंगे तो पाएंगे कि सबका उद्देश्य असल में विकास के नाम पर जीत हासिल करने का ही होगा ....

प्रजातंत्र है - वैसे भी उद्देश्य तो जीत का ही होना चाहिए - फिर विकास के नाम पर क्या आपत्ति हो सकती है ?? .... पर ध्यान रहे कि "विकास" की बात तो "जुमला" सिद्ध हो चुकी है .... पर क्योंकि चुनावों में जुमले तो बहुतायत में चलते ही हैं - इसलिए जीत के उद्देश्य से विकास की बातें ही अब बिहार चुनाव में देखने सुनने को मिलेंगी ....

पर जीतेगा कौन ??

प्रश्न थोड़ा क्लिष्ट प्रतीत हो सकता है - इसलिए थोड़ी विवेचना भी जरूरी है ..... और प्रथम आंकलन अनुसार मैं कयास लगा सकता हूँ कि चुनाव कौन जीतेगा .... चुनाव जीतेगा वो ही जो विकास की बात करेगा ....
पर जैसा कि स्पष्ट है विकास की बात तो हर कोई करेगा .... तो घूम फिर कर प्रश्न फिर वहीँ आ खड़ा होता है कि चुनाव कौन जीतेगा ?? यानि प्रश्न उलझ गया .... तो आइये प्रश्न मैं सुलझा देता हूँ - प्रश्न बदल कर ....

आइये गौर फरमाएं कि - चुनाव हारेगा कौन ????

मुझे लगता है कि जो विकास के नाम का ज्यादा ढिंढोरा पीट फुस्स हो चुका है वो यह चुनाव हारेगा ....
यानि जिसने विकास का सरनेम जुमला रख दिया है वो चुनाव हारेगा .... विकास के मुद्दे पर ही हारेगा !!!!

और हारना भी चाहिए .... आखिर विकास की भी तो कोई अहमियत है कि नहीं ????

अस्तु बिहार का चुनाव मेरे अभिमत में अभूतपूर्व है जो विकास के मुद्दे पर ही लड़ा जाकर हारा जाएगा ....

No comments:

Post a Comment