आपको याद होगा कि उत्तरप्रदेश में चपरासी के ३६८ पदों के लिए २३ लाख से ज्यादा लोगों ने आवेदन दे दिए थे .... नतीजा !! सब कुछ ध्वस्त सा मान लिया गया - और भर्ती प्रक्रिया निरस्त कर देनी पड़ी ....
खैर जो हुआ सो हुआ - पर मुझे बहुत संतोष हुआ कि इस देश को अव्वल "चपरासी" तो मिल ही सकते हैं .... न्यूनतम जरूरत से भी कहीं अधिक योग्यता वाले "चपरासी" - पढ़े लिखे और बिना शर्म मेहनत और ईमानदारी से कोई भी काम करने को तैयार "चपरासी" ....
और मेरा ऐसा भी मानना है कि इस देश को "चौकीदार" के बजाय "चपरासी" की ज्यादा आवश्यकता है ....
क्योंकि अब तो देख लिया कि "चौकीदार" तो बेकार होता है - कुछ करता धरता ही नहीं .... तिजोरी पर पंजे हाथ पाँव घुटने कोहनी सब पड़ ही पड़ रहे हैं - और चौकीदार आँखे बंद कर चुप्पी साधे बैठा है - मुँह में सीटी डाले - पर बिना हवा निकाले - फुस्स:::: !!!!
पर "चपरासी" तो बेचारा मेहनतकश होता है - और आदेश सुनने के लिए हमेशा तैयार और आदेश पालन करने के लिए हमेशा तत्पर रहता है .... इसलिए देश सेवा हेतु "चौकीदार" के बजाय "चपरासी" निश्चित ही उपयुक्त होगा .... वो देश की सेवा आवश्य ही करेगा ....
तो मेरा सुझाव है - संसद और विधानसभा को अयोग्य चौकीदारों और अन्य मक्कारों से खाली करो .... और भर दो सभी पद .... पढ़े लिखे पीएचडी बीटेक बीएससी बीकॉम एमएससी एमकॉम एमए "चपरासियों" से ....
मेरा दावा है देश का भाग्य सुधर जाएगा .... और भविष्य में कोई "चौकीदार" देश की तिजोरी और संस्कारों की वाट नहीं लगा पाएगा !!!!
Excellant Duaji.
ReplyDelete//// मक्कार "चौकीदार" से लाख दर्जे भला मेहनतकश योग्य "चपरासी" ....////
ReplyDeletehttp://wp.me/p5H5wa-5CT
Yes..
ReplyDeleteI agree with You....
Lets Discuss....
on..
.....
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RAJNISH