आज दिल्ली में 'ऑड'-'ईवन' फॉर्मुला प्रत्याशा के अनुरूप सफल हो गया .... और सर्वत्र प्रशंसित भी हो गया .... और सर्वत्र चर्चित भी ....
और इसलिए आज सिद्ध हो गया कि दिल्ली की जनता ने १० महीने पहले चुने केजरीवाल को खुले दिल से समर्थन दिया ....
पर मोदी और उनके भक्त और केजरी विरोधी एक तरफ चिल्लाते रहे हैं कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं - और केजरी के पास कोई अधिकार नहीं - और केजरी अपना काम करते क्यों नहीं ?? .... और दूसरी तरफ सभी तड़प-तड़प कर केजरी को काम भी नहीं करने दे रहे हैं ....
और इसलिए आज इस सफलता के मौके पर अपने ही अंदाज़ में IBN7 को दिए एक धाँसू इंटरव्यू में केजरीवाल ने अपने को "आधे प्रदेश का चौथाई मुख्यमंत्री" कहा .... और मोदी और भाजपा को खूब खरी खोटी सुनाई .... और भी कई गज़ब के डायलॉग दिए - विशेषकर आईएएस बाबुओं की शान में ....
मेरी प्रतिक्रिया .... कुछ सुझावों सहित ....
वाकई इस "आधे प्रदेश के चौथाई मुख्यमंत्री" ने झंडे गाड़ दिए .... क्योंकि केजरीवाल के तो 'ऑड' भी सही 'ईवन' भी सही सिद्ध होते रहे हैं ....
पर अब असली विषय है कि - "पूरे देश के शून्य प्रधानमंत्री" के तो ना 'ऑड' ही सही ना 'ईवन' ही सही सिद्ध हो रहे हैं .... तो क्या ये "शून्य" पर ही अटके रहेंगे और सोचते रहेंगे .. यार !! ये "शून्य" 'ऑड' होता है या 'ईवन' ????
मुझे मालूम है कि दिमाग के दिव्यांग इस प्रश्न पर असहज होंगे - तो इनको बताता चलूँ कि वैसे तो "शून्य" की गड़ना 'ईवन' में ही होती है - पर शून्य पर अटके रहना 'ऑड' ही माना जायेगा .... समझे !!
इसलिए मोदी जी मेरा सुझाव - ये दिल्ली के 'ऑड'-'ईवन' का काम तो केजरी सम्हाल लेंगे - आप पूरे देश के प्रधानमंत्री - और आपके पास पूरे अधिकार - इसलिए आप अपना काम करते क्यों नहीं ?? अपने पद की गरिमा और जवाबदारी के अनुरूप व्यवहार क्यों नहीं ?? अपने वादों को निभाते क्यों नहीं ?? भ्रष्टों को बचाने के प्रयास क्यों ?? और जनता जनार्दन के निर्णयों को शिरोधार्य करने में इतनी तड़प क्यों ?? .... ??
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