Friday 29 January 2016

// कचरे की राजनीति .... ये तो "बाप" बदलने पर तुले !! ....//


भाजपा की कचरा राजनीति और घटिया स्थिति और दिमागी दिव्यांगता के चलते दिमागी दिवालियेपन को आज मैं यूँ बयान करता हूँ ....

दिल्ली की एमसीडी पर भाजपा काबिज़ है - दिल्ली के सफाई करने का दायित्व एमसीडी का है - अतः सफाई कर्मचारियों के लालन पोषण का दायित्व हुआ भाजपा का .... पर एमसीडी में भ्रष्टाचार है - इसलिए सफाई कर्मचारियों को वेतन तक देने के पैसे नहीं छोड़े गए .... भ्रष्टाचारी भाजपाई हैं और कर्मचारियों के माई बाप भी भाजपाई हैं ....

पर कर्मचारी अपने लालन पोषण में कमी हेतु केजरीवाल पर दोषारोपण कर रहे हैं - उस केजरीवाल पर जो अपनी दिल्ली सरकार चलाते हैं और जो भ्रष्टाचार नहीं करते हैं - और जिनके पास सरकार चलाने के पैसे भी हैं .... और कर्मचारी केजरीवाल की संपन्नता देख उनसे ही वेतन देने की मांग कर रहे हैं ..... और इस मांग को कई पागल जायज़ भी ठहरा रहे हैं - कह रहे हैं कर्मचारियों को वेतन तो मिलना चाहिए - फिर चाहे कोई भी दे ....

उपरोक्त तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में मुझे लगता है कि ये तो यूँ हुआ कि - शराबी की औलाद पडोसी के यहाँ पहुँच रोए गाए और कहे मेरे बाप का तो कोई ठिकाना नहीं - उसकी दारू छूटती नहीं - पैसे बचते नहीं - वो कपडे-लत्ते देता नहीं - खाने को कुछ देता नहीं .... अंकल जी !! मुझ पर दया करो .... अब तुम पडोसी - तो फिर तुम्हारा भी तो कुछ दायित्व बनता है .... तुम तो हो भी अच्छे - तुम दारू भी नहीं पीते - इसलिए तुम्हारे पास तो पैसे भी हैं .... इसलिए मेरे बाप को छोडो - अब तो तुमको ही मेरी देखभाल करनी होगी - अब तो तुम ही मेरे बाप .... अंकल जी तुम ही मेरे बाप बन जाओ ना - अंकल जी प्लीज !! ....

और सतर्क पडोसी तर्क दे .... बेटा मेरा खुद का स्वास्थ अभी ठीक नहीं - मैं तो खुद स्वास्थ्य संबंधित उत्तर की खोज में दक्षिण जा रहा हूँ .... इसलिए बेटा यदि खाना खाना है कपडे-लत्ते चाहिए हों तो जाओ अपने बाप के ही पास जाओ - नहीं तो रिश्तेदारों के पास - या अपने बाप के बाप के पास ....

पर बच्चा मान नहीं रहा है - ज़िद कर रहा है - हाथ पांव पटक रो रहा है - अपने कपडे गंदे कर रहा है - अपने बाप को बदलने के लिए मचल रहा है ....

और मुझे लगता है कि बच्चे के बाप को बदलना भी चाहिए .... हा !! हा !!

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