Sunday 3 January 2016

// जेटली - बनाम - आसाराम .... भक्त - बनाम - भक्त ....//


आसाराम जब धराए थे तो बहुत कोहराम मचा था .... कहा गया था - बापू और ऐसा ? साधू और ऐसा ? संत और ऐसा ? हो ही नहीं सकता !! .... वो तो ४० साल से ईश्वर में मगन और समाज की सेवा और मानव कल्याण को समर्पित .... और यहां तक कहा गया था कि जब उनके आसपास वो सब कुछ इतनी आसानी से सदैव उपलब्ध तो फिर वो ऐसे घृणित कृत्य क्यों करेंगे - किसी के साथ जबरदस्ती क्यों करेंगे - अपनी बेटी तुल्य के साथ कोई हरकत क्यों करेंगे .... आदि-अनादि !! .... और ध्यान रहे कि आसाराम कैंप द्वारा उनके विरुद्ध सटीक आरोपों पर कभी भी सटीक सफाई या उत्तर नहीं दिया जा सका था !! .... यानि 'आस्था' को 'साक्ष्यों' के विरुद्ध ढाल बनाया गया था .... 

जेटली अब धराए हैं तो भी कोहराम मचा है .... कहा जा रहा है - जेटली और ऐसा ? बड़ा वकील और ऐसा ? कबीना मंत्री और ऐसा ? हो ही नहीं सकता !! .... वो तो ४० साल से ईश्वर को साक्षी मान समाज की सेवा और मानव कल्याण को समर्पित .... और यहां तक कहा जा रहा है कि जब उनके आसपास वो सब कुछ इतनी आसानी से सदैव उपलब्ध तो फिर वो ऐसे मूर्खता और धूर्तता के कृत्य क्यों करेंगे - किसी छोटी सी संस्था में भ्रष्टाचार क्यों करेंगे - वो भी कुछ एक करोड़ रुपये की हेराफेरी जैसी कोई हरकत क्यों करेंगे .... आदि-अनादि !! .... और ध्यान रहे कि जेटली कैंप द्वारा उनके विरुद्ध सटीक आरोपों पर अभी तक भी सटीक सफाई या उत्तर नहीं दिया जा सका है !! .... यानि 'आस्था' को 'साक्ष्यों' के विरुद्ध ढाल बनाया गया है ....

पर मित्रो क्या आसाराम और जेटली में कोई अंतर नहीं ?? .... नहीं नहीं - अंतर है !! .... और अंतर बहुत बड़ा और महत्त्वपूर्ण है .... और वो अंतर है ....

आसाराम अंदर है और जेटली बाहर है .... और आसाराम का बाहर आना मुश्किल है और जेटली का अंदर जाना मुश्किल है ....

और भक्त तो आसाराम के भी थे और भक्त तो जेटली के भी है .... पर अंतर तो आसाराम के और जेटली के भक्तों में भी है ....

आसाराम के भक्त सोच रहे हैं कि जेटली को भी अंदर जाना चाहिए .... और ....
जेटली के भक्त सोच रहे हैं कि आसाराम जबरन फँस गए - थोड़ी बेवकूफी कर गए - नहीं तो अंदर नहीं जाते - बेचारे ....

और मैं सोच रहा हूँ .... कि अब मुझे आसाराम पर इतना गुस्सा क्यूँ नहीं आता जितना जेटली पर ?? .... शायद इसलिए ही ना कि आसाराम अंदर है और जेटली बाहर ....

No comments:

Post a Comment