Saturday 23 January 2016

// राजनीति क्यों ना हो ?? .. और हो तो ऐसी ही क्यों ना हो ?? ....//


इस देश की हर धड़कन क्या राजनीति से प्रभावित नहीं होती रही है ?? ....

क्या भारतीय जनता पार्टी एक धार्मिक संस्थान है जो राजनीति नहीं करती है ?? .. या कांग्रेस एक खेल संगठन होते हुए केवल धार्मिक कार्य करता रहा है ?? .. या फिर क्या "आप" भी केवल ड्रामेबाज़ी करती है राजनीति नहीं - और क्या राजनीति में ड्रामेबाज़ी करने पर पाबंदी है ??

क्या मोदी राजनीति नहीं करते तो क्या चाय बेचने का धंधा करते हैं ?? .. क्या अमित शाह एक राजनितिक पार्टी का नेतृत्व नहीं करते तो क्या गुंडों के संगठन के सरगना हैं ?? .... और क्या अरविन्द केजरीवाल अक्ल के दिव्यांगों को राजनीति करना नहीं सिखा रहे तो क्या आईआईटी की कोचिंग क्लासेस खोले हुए हैं ??

मित्रो !! उपरोक्त प्रश्नों से स्पष्ट होता है कि देश समाज और धर्म से जुड़े हर सार्वजनिक मुद्दे पर राजनीतिक प्रभाव रहता ही है .... फिर चाहे वो प्रभाव अच्छा हो या बुरा .... चाहे वो किसी को रुलाने वाला हो या हंसाने वाला ....

और इसलिए देश के हर मुद्दे पर राजनीति होती आई है और होती रहेगी .... और होनी भी चाहिए ....

और ये राजनीति केवल मोदी की सुविधानुसार हो या ना हो इस बात का भी कोई औचित्य नहीं .... यानि भले ही मोदी को अब दूसरों की राजनीति रास नहीं आ रही हो और वो अब विलाप करने लगे हों तो इस कारण भी राजनीति बंद तो नहीं ही होनी चाहिए ....

और इसलिए यदि हैदराबाद यूनीवर्सिटी के रोहित आत्महत्या के मामले में राजनीति हुई तो भाजपाइयों को खुल्ले में बच्चों जैसे रोना धोना कदापि शोभा नहीं देता .... क्योंकि आज जो मुद्दा सामने आया है उसके पीछे तो भाजपा की पारदर्शी परदे के पीछे वाली राजनीति ही उजागर हुई है .... यानि नंगों की नंगी राजनीति ....   

हाँ अब क्योंकि तड़का-किंग केजरीवाल ने इस मुद्दे में अपने स्टाइल का राजनीतिक तड़का लगा दिया - तो राजनीति का गरमाना तो तय था - और भाजपाइयों का जलना भी - और तड़के की मिर्ची का एहसास भी होना ही था ....

और केजरीवाल के तड़के का असर देखिये .... वही यूनिवर्सिटी और वही तथाकथित उच्चवर्गीय जोकर समूह जिसने पूरा राजनीतिक रायता फैलाया था - आज उसने बचे ४ छात्रों का निलंबन भी वापस ले लिया - दिवंगत रोहित के परिवार को ८ लाख रूपये देने की घोषणा भी कर दी - उसकी आत्महत्या पर शोक भी जता दिया - न्यायिक जांच आयोग गठन की घोषणा भी कर दी .... और .... और तो और मोदी केजरीवाल के राजनीतिक निर्देशों के बाद बोल पड़े और बिना किसी जांच स्वयं सत्य उगल दिया कि - रोहित को मजबूर किया गया था आत्महत्या करने के लिए ....

इसलिए इस विषयक मेरा राजनीतिक निष्कर्ष है कि ....

राजनीति होनी ही चाहिए - और ऐसी ही सर्वहित उच्च दर्जे की होनी चाहिए जैसी कि राजनीतिक तड़का-किंग केजरीवाल कर रहे हैं .... पर यदि बाकी बचे टुच्चों में ऐसी उच्च दर्जे की राजनीति करने की अक्ल क्षमता और औकात बची नहीं रह पाई हो तो फिर तो टुच्ची राजनीति से तौबा ही भली ....

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