Friday 8 January 2016

// ऐसी "मानहानि" और ऐसे "मानलाभ" वालों !! "मानसरोवर" में डूब मरो ..//


केजरीवाल तो भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध खुल कर दहाड़ते ही रहे हैं - उन्हें ललकारते और उचकाते उकसाते भी रहे हैं - और घेरते भी रहे हैं .... और इसलिए कुछ घिरे लोगों की मानहानि होना स्वाभाविक है ....

अब जैसे केजरीवाल ने डीडीसीए वाले जेटली जी का नाम डीडीसीए से जोड़ दिया - बड़े आराम से - और जो मुद्दा भाजपाई सांसद बेचारे कीर्ति आज़ाद ९-१० वर्षों से चिल्ला चिल्ला कर उठा रहे थे और कोई सुन ही नहीं रहा था और किसी की "मानहानि" भी नहीं हो रही थी - वही मुद्दा एकाएक "मुद्दा" बन गया .... जेटली जी हैरान परेशान हो गए - उनके मान की तो ऐसी की तैसी हो चली - और इसलिए उन्होंने केजरीवाल और उनके साथियों के विरुद्ध "मानहानि" का दावा ठोंक दिया ....

"मानहानि" का दावा !! .. जी हाँ बिलकुल ठीक - "मानहानि" हुई है इसलिए दावा भी बनता है .... और न्यायालय सब न्याय कर देगा .... हो सकता है कह दे - काहे का मान काहे की हानि - या "मानहानि" हुई तो तुम्हारी खुद की करतूतों के कारण - या हो सकता है औकात नाप-तोल कुछ मुआवज़ा राशि दिलवा दे ....

पर यदि ऐसा होता भी है तो ये मामला तो केजरीवाल और जेटली के बीच का होगा - इससे मुझे क्या - मेरा क्या लाभ ??

मुझे तो अब इस बात से मतलब ज्यादा हो चला है कि ये "मानहानि" का मुद्दा भले ही जाए भाड़ में - ये फ़ोकट "मानलाभ" का क्या किया जाए ?? .. और इस "मानलाभ" के कारण जो देश और मेरा नुकसान हुआ इसकी भरपाई कैसे हो ??

मसलन कितने ही भक्तों ने मिल कर मोदी जी की क्या तारीफें करीं - क्या सब्जबाग दिखाए - क्या वायदे करे .. कि देखते-देखते मोदी जी का मान बढ़ता ही गया - यानि उन्हें "मानलाभ" हुआ .... और इस "मानलाभ" की बदौलत वो चुनाव जीत इस देश के प्रधानमंत्री हो गए ....

पर मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद मुझे देश में कोई बदलाव या विकास होते नहीं दिखा .... और तो और मुझे एक पैसे का भी फायद नहीं हुआ - बल्कि रोज़मर्रा की चीज़ें बेतहाशा अधिक दामों में खरीदनी पड़ीं - जैसे कि कभी आटा कभी दाल कभी प्याज तो कभी फल सब्जियां ....

इसलिए मेरा प्रश्न है कि जिन लोगों ने मोदी जी का अनावश्यक "मानलाभ" किया उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही हो सकती है ?? और ये कार्यवाही कौन करेगा ?? और किस कानून के तहत ??

केवल "तुअर दाल" में जो "सूअर" करोड़ों का घपला कर गए - और कई गरीबों की जेब पर डाके पड़ गए - उस लूट के पैसे का क्या होगा ?? कौन वो पैसे भ्रष्टाचारी सटोरियों और भ्रष्ट "मानलाभित" नेताओं से प्राप्त कर लौटाने की व्यवस्था करेगा ??

क्या हमारे वित्तमंत्री "मानहानि" वाले अरुण जेटली जी अपना प्यारा चिकना सर खुजला अपने स्वार्थ से आगे निकल इस बारे में भी कुछ सोचेंगे - कुछ कहेंगे ?? - या बेशर्मी के साथ हमारे ही पैसे से ऐश करते अपने स्वार्थ के बारे में ही प्रयास करते रहेंगे ?? और रोते रहेंगे कि हाय मेरी "मानहानि" हो गई - वैसे ही जैसे अभी क्रिकेटर क्रिस गेल भी निहायत शर्मनाक कृत्य करते हुए भी चिल्ला रहे हैं कि उनकी भी "मानहानि" हो गई .... 

यदि ऐसा ही है तो धिक्कार है ऐसी "मानहानि" और ऐसे "मानलाभ" पर .... इन्हें तो "मानसरोवर" में जाकर गहरे पानी में डूब मरना चाहिए !!!!

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