Thursday 7 January 2016

// गजेन्द्र चौहान ने वो कर दिखाया जिसपर वो शर्म तो कर ही सकते हैं ....//


और आखिर ४ महीने बाद अजब गजब बेइज़्ज़त सरकार की इज़्ज़त बचाने हेतु हठधर्मिता के साथ गजेन्द्र चौहान ने आज कर्मठता के नाम पर FTTI का कार्यभार संभाल लिया .... वो भी घुस्सू माफिक घुस - निदेशक का पदभार ....

और इस दौरान संस्था के छात्रों ने जमकर विरोध किया और प्रदर्शन किया - और गिरफ्तार भी हुए ....

और मुझे पूरा भरोसा है कि ये सब देख भक्त और भाजपाई निश्चित ही उनकी संस्था को प्रिय एवं उनके संस्कारों में समाई प्रातःकालीन प्राथना तुल्य ये बात कह सोच रहे होंगे कि ....

गजराज चले मस्तानी चाल - कुत्ते भौंके हज़ार .... (वैसे तो वो "हाथी" कहते हैं - पर शायद गजेन्द्र नाम के मायने और तुकबंदी के कारण वो "गजराज" शब्द का उपयोग कर रहे होंगे ....)

मेरी प्रतिक्रिया ....

तुम्हें ये किस मूर्ख ने बता दिया कि कुत्ते केवल भौंकते हैं - काटते नहीं ??
और क्या किसी समझदार ने ये नहीं चेताया कि .... गजराज की मस्तानी चाल अपने ही बोझ तले सुस्त भी होती है - जिसके कारण वो अक्सर अपनी मंज़िल पर पहुँच ही नहीं पाता - और रास्ते में ही कुत्तों का शिकार हो जाता है ....

और हाँ याद रहे कि गजराज की नाक कभी ऊँची नहीं होती - वो तो बहुत लचीली हिलती डुलती और लंबी होती है - इतनी लम्बी कि उसे "सूंड" कहा जाता है ....

और गजेन्द्र चौहान ने भी जो कुछ किया है उससे उनकी या किसीकी भी नाक ऊँची तो कदापि नहीं होती है - हाँ नाक नीची ही होती है - जिसपर वो शर्म तो कर ही सकते हैं .... अपनी "सूंड" सिकोड़कर ....

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