Wednesday 4 May 2016

// इटली अदालत निर्णय पर आज अट्ठाहस तो कल रुदन के लिए तैयार रहें ..//


ऑगस्टा वेस्टलैंड डील रिश्वत मामले में कांग्रेस दोषी थी तो भाजपा चुप .. चुप क्यों ?? .. मिलीभगत .. या .. मूर्खता .. या .. अकर्मण्यता ..

पर जब इटली की अदालत का फैसला आ ही टपका - तो भाजपा चुप्पी तोड़ने के लिए मजबूर हुई .. और इस प्रकार इस मामले में चिल्लाचोट और थिरकन फिर शुरू हुई .... और मेरा ऐसा अनुमान है कि इस बजट सत्र के बाद ये मामला सेटिंग के तहत ठंडा कर दिया जाएगा ....

मामला भले ही ठंडा हो जाए - या फिर किसी तार्किक नतीजे पर ही क्यों ना पहुँच जाए .. पर यह तो सिद्ध हो ही गया कि इस देश में हमारी न्याय व्यवस्था से इटली की न्याय व्यवस्था ज्यादा कारगर साबित होती दिख रही है .... और "श्रीमती" से ज्यादा करामाती "सिग्नोरा" ....

और इसी तारतम्य में मैं मोदी और मोदी सरकार और भक्तों का ध्यान आकृष्ट करना चाहूंगा इटली की ही अदालत के एक और निर्णय की ओर .... और उस निर्णय के बारे में आज के "नईदुनिया" अखबार में छपा है - जिसका शीर्षक है .... 

// इटली की कोर्ट ने कहा - बेघर व भूखे हैं तो खाने की चोरी जुर्म नहीं // ....

वाह क्या बात है !! .. क्या न्यायसंगत निर्णय है !! 

उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में मैं मोदी एंड कंपनी को मुफ्त में अपनी बहुमूल्य समझाईश देता हूँ कि - इटली की अदालत के उस ऑगस्टा डील फैसले से खुश होने के बाद जरा थिरकन कम कर इटली की अदालत के भूखों के चोरी के अधिकार संबंधित शानदार न्यायसंगत निर्णय पर भी व्यापक चिंतन मनन कर ही लें तो बेहतर होगा ....

अन्यथा सजग रहें !! .. भूखा चोरी भी कर सकता है - और गरीब आपकी ऐसी की तैसी भी कर सकता है .... इसलिए यदि आज अट्ठाहस कर रहे हो तो कल रुदन के लिए भी तैयार रहना .... इटली की अदालत  तो यही संदेशा दे रही है .. संपट ना बैठी हो तो ताज़िंदगी अपनी अदालतों में चप्पल घिसते रहना - चिल्लाते रह जाना कि फलां टुच्चे से गरीब ने मार दिया रे - ठोंक दिया रे ............ समझे !!

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