आजकल मोदी द्वारा अजब गजब पेला जा रहा है .... दम ठोंक के कह रहे हैं कि उनके ऊपर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं .. उन्होंने भ्रष्टाचार बंद किया तो गाली ही मिलेगी .. जो देश को लूट रहे थे सिर्फ वही उनसे खुश नहीं .... आदि !!
मेरी प्रतिक्रिया ....
क्या केवल भ्रष्टाचारी ही गालियां दे रहे हैं - ईमानदार नहीं ??
या जो गालियां दे रहे हैं - वे ईमानदार नहीं - वे सब भ्रष्ट ??
इस देश में भ्रष्ट ज्यादा या ईमानदार ??
क्या ईमानदार मोदी की तारीफ नहीं करते - केवल भ्रष्ट गालियां देते हैं ??
तो फिर मोदी ये क्यों नहीं कहते कि देखो मेरी कितनी तारीफ हो रही है - यही क्यों कहते हैं कि मुझे गालियां पड़ रही हैं ??
क्या देश में कोई भूखा नहीं गरीब नहीं ??
क्या अब भूखे गरीब को गाली देने का अधिकार भी नहीं ??
क्या भूख में तड़पता गरीब गाली दे कर भ्रष्टाचार करता है ??
क्या शर्म भी बेच खाई - या प्रजातान्त्रिक राजनीति का शिष्टाचार भी भूल गए ??
क्या ये स्थापित नहीं होता कि ....
मोदी को गालियां पड़ रही हैं .. वो भी इफरात में ....
मोदी की तारीफ कम ही लोग कर रहे हैं ....
इसलिए तथ्यों पर कुछ विवेचना भी ....
क्या कभी किसी भ्रष्ट को यह कहते सुना है कि वो भ्रष्ट है ??
क्या हर भ्रष्ट पकड़ा या धरा जाता है ??
क्या हम समझते नहीं कि भ्रष्टाचार कर जो पकड़ा गया वो भ्रष्ट और जो पकड़ा नहीं गया वो शाना ....
क्या भारत का कोई भी पूर्व प्रधानमंत्री भ्रष्ट था ??
यदि हाँ तो मोदी उसका नाम बताएंगे ??
और नाम बताएंगे तो क्या ये भी बताएंगे कि क्या उसका भ्रष्टाचार सिद्ध हुआ - या होगा ??
यदि नहीं तो क्या इसलिए कि भ्रष्टाचार सिद्ध करना मुश्किल काम ??
यदि हाँ तो क्यों ना मान लिया जाए कि मोदी भी भ्रष्ट पर सिद्ध करना मुश्किल काम ??
क्या भारत में पूर्व में भ्रष्टाचार नहीं हुआ ??
क्या मोदी राज में भ्रष्टाचार नहीं हो रहा ??
कुल मिला के इसलिए मेरा मत है कि - मोदी को गालियां पड़ रही हैं - और इसमें कुछ भी गलत नहीं .. और जो कुछ लोग मोदी के कार्य और ईमानदारी से संतुष्ट हैं उन्हें मोदी की तारीफ भी करनी ही चाहिए - वो भी खुल कर .. उन्हें अपने घर में घुघ्घू बन कर घुसे रहकर बेचारे मोदी को गलियां खाने के लिए अकेले नहीं छोड़ना चाहिए .. उन्हें तत्काल ये कोशिश करनी चाहिए कि मोदी की तारीफ भी जोर पकडे ....
पर सावधान !! शायद तब गालियों की तादाद और बढ़े - क्योंकि इस सब के बीच मोदी के काम कहाँ हैं ?? विकास कहाँ हैं ?? वायदे कहाँ हैं ?? जमीन पर असर कहाँ है ?? मुद्दे की ये बातें भी तो असर डालेंगी .... क्योंकि देश के लोग केवल भ्रष्ट या ईमानदार ही नहीं - समझदार भी तो हैं .... और मैं मानता हूँ ज्यादातर ईमानदार समझदार होते हैं !! .. और वे अक्षम और अयोग्य की निंदा करने से परहेज़ भी नहीं करते .... हा !! हा !!
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Modi chor he 3sal oe jhel lo phir kutte se bi bura hoga bhagao sale chor ko
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