भ्रष्टाचार - धन - ग्लैमर - व्यभिचार - ज़ुल्म - स्वार्थ - पहलवानी - बद्तमीज़ी - बेशर्मी - चालाकी - शानपत - देशद्रोह - राजनीतिक सौहार्द - आदि से ग्रसित एक खेल संगठन ....
राजनेताओं - सट्टेबाजों - मीडिया - अंतरराष्ट्रीय कालेधन कुबेरों - और राष्ट्रीय धन कोबराओं - आदि का एक सामूहिक संगठित खेल उपक्रम ....
सूट-बूट वाले गले में टाई बांधे संभ्रांत टुच्चों के एक अलोकतांत्रिक गठबंधन द्वारा संचालित एक भारतीय अंतर्राष्ट्र्रीय खेल संगठन ....
पर भारतीय सरकार के आधिकारिक नियंत्रण से बाहर - यानि स्वछंदता स्वतंत्रता मनमानी मनमर्ज़ी से कार्य करने हेतु बहुत विचार मंथन अक्ल और चालाकी के साथ स्थापित किया जाकर अकूत लाभ अर्जित करते हुए धड़ल्ले से चलाया जा रहा एक खेल संगठन ....
एक खेल को वैश्विक स्तर पर संचालित करता - देश का नाम ऊँचा करने का और खेल को बढ़ावा देने का दम्भ भरने वाला - देश दुनिया का सबसे अमीर एक खेल संगठन ....
और ये सब जुड़ा एक खेल से - देश के सबसे लोकप्रिय खेल से .. जिसमें खिलाडियों की हैसियत निरंक .. खेलभावना शून्य .. और मैदान के बाहर बस खेल ही खेल .. घिनौने खेल - टुच्चे लुच्चे खेल - नित नए-नए आज़माए खेल .. पैसे के खेल - सत्ता के खेल - व्यभिचार के खेल ......
जी हाँ आप ठीक समझे - बात हो रही है 'किरकिट' की और 'किरकिटीय' बोर्ड यानि BCCI की ....
और बात इसलिए हो रही है कि हमारी सभी पार्टियों के धूर्त नेताओं के सामूहिक संरक्षण में फल फूल फ़ैल रही ये उन्मादी संस्था बदकिस्मती से भारतीय न्यायव्यवस्था के समक्ष नंगी आरोपित और प्रदर्शित हो सिद्ध भी कर दी गई है ....
और कई वर्षों के न्यायिक प्रक्रिया के फलस्वरूप सुप्रीम कोर्ट द्वारा बहुत मशक्कत के बाद एन-केन-प्रकारेण इसकी घेराबंदी में सफलता प्राप्त कर इसके विरुद्ध कुछ चुभने वाले निर्णय दे दिए गए हैं ....
ऐसे घातक निर्णय जो संगठन को वर्तमान में संचालित करने वाले सर्वे-सर्वाओं और ठाकुरों के शरीर के सभी अंगों को आघात पहुंचा गए हैं ....
और इस कारण BCCI ने न्यायालय की अवमानना कर मारी है .... और प्रकरण जारी है .... और देश तमाशबीन बना हुआ है ....
मेरी प्रतिक्रिया .....
यदि आप सोच रहे हैं कि मेरी प्रतिक्रिया BCCI से जुड़े इस प्रकरण पर ही आने वाली है तो आप गलत हैं - क्योंकि मेरी प्रतिक्रिया देश के तमाशबीन होने पर भी है .... और वो ये है कि .. न्यायालय तो अपना काम कर रहा है - पर इस देश की जनता और इस देश का मीडिया मात्र तमाशबीन क्यों ????
क्या इसलिए कि अब ये प्रकरण "न्यायाधीन" है - बस ?? .... तो फिर मुझे कोई बताएगा कि संदीप कुमार का प्रकरण जो "केजरीवाल के मंत्री के सेक्स सीडी प्रकरण' के नाम से चर्चित किया गया था और जिस पर पूरा देश उद्वेलित हो उठा था - क्या वो न्यायाधीन नहीं हुआ था ?? .. क्या 'आप" के अन्य खूंखार विधायकों के गंभीरतम प्रकरण न्यायाधीन नहीं हो गए थे ?? .. क्या दिल्ली के भी और केजरीवाल के भी स्वास्थ्य मंत्री जिनका नाम भी है सत्येंद्र जैन उन्हें जो इन्कम टैक्स का नोटिस मिला वो न्यायाधीन नहीं है ???? ....
मित्रो - इस देश में सब कुछ न्यायाधीन ही तो है - क्योंकि ये दुनिया का इकलौता देश है जहां न्याय का राज है - बाकी तो सब पाकिस्तान जैसे ही हैं !! .... पर फिर भी प्रश्न उठता है कि BCCI और 'आप' से जुड़े अन्य न्यायाधीन प्रकरणों की प्रतिक्रिया में भेद होने का क्या कारण ?? ....
भेद का कारण है "केजरीवाल" .. बस "केजरीवाल" !!!! ....
इसलिए यदि देश और सुप्रीम कोर्ट चाहता है कि BCCI का उद्धार हो जाए तो मेरा सुप्रीम कोर्ट को एक सुझाव है .... हफ्ते भर के लिए केजरीवाल को BCCI का अध्यक्ष बना दो .... मेरा दावा है पूरा संगठन और प्रकरण यानि सबकुछ फट्टई निपट जाएगा .. या निपटाया जाएगा .. या निपटवा दिया जाएगा ....
ठीक वैसे ही जैसे जब सेना को पता चलता है कि एक आतंकवादी कश्मीर में एक घर में घुस गया है तो पूरा घर ही बम से उड़ा खाक़ कर दिया जाता है .... इसलिए सुझाव शर्तिया कारगर हुआ ना !! .... धन्यवाद !!
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Aam Aadmi Party- AAP @AamAadmiParty 10h10 hours ago
ReplyDeleteImportant message from CM @ArvindKejriwal. Must listen and share. pic.twitter.com/OfmaNAGcui