Tuesday 27 September 2016

// भक्तों !! .. नंगाइयत भी क्या कोई प्रदर्शित करने योग्य योग्यता है ?? ....//


'जिनके घर शीशे के होते हैं उन्हें दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए' - मैनें ये मुहावरा जब मैं स्कूल में था तब ही पढ़ समझ लिया था .... और उसके बाद ना जाने कितनी हज़ारों बार इसे सुना होगा .... सौ एक बार तो संबित पात्रा और उससे भी ज़्यादा बार अंजना ओम कश्यप के मुहँ से सुन लिया होगा .... 

पर कल सुषमा जी के संयुक्त राष्ट्र उद्बोधन में पाकिस्तान के खिलाफ इसी मुहावरे उपयोग के लिए भक्त ना मालुम क्यों अपना कॉलर ऊंचा कर तारीफ के पुल बाँध रहे हैं .... जैसे सुषमा जी ने कोई नायाब धाँसू जुमला दे मारा हो .... जैसे कि मोदी जी से भी बेहतर - जैसे कि 'खून-पानी' वाले जुमले से भी बेहतर ....

पर अब जब ऐसा हो ही गया है तो मैं सोचता हूँ कि आज मैं भी भक्तों को कुछ रसीद कर ही दूं ....

और वो इसलिए कि आज ऐसे २ बड़े नेताओं पर जो 'आप' पार्टी के नहीं हैं उन पर बलात्कार के आरोप सीधे-सीधे पीड़ित महिलाओं द्वारा लगाए गए हैं .... एक राज्यसभा सांसद हैं और एक पूर्व मंत्री ....

और अभी तक दोनों गिरफ्तार नहीं हुए हैं - और अभी तक उन पर वो कार्यवाही नहीं हुई जैसी 'आप' से जुड़े नेताओं पर होती ही है ....

अतः मैं सुषमा जी के द्वारा दिया गया असरकारक जुमला भक्तों के नामे करते हुए उन्हें याद दिलाना चाहूँगा कि ....

" जिनके घर शीशे के होते हैं उन्हें दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए " ....

और साथ ही अपनी तरफ से भी एक और मर्म की बात भी समझाना चाहूँगा कि ....

नंगों को तो शीशे के घर में रहना ही नहीं चाहिए .... समझे !!!!

और वो इसलिए कि लगातार फ़ोकट अपनी बेइज़्ज़ती करवाने से भी क्या फायदा ?? .. नंगाइयत भी क्या कोई प्रदर्शित करने योग्य योग्यता है ?? ....

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