Thursday 8 September 2016

// आज सिद्धू ने भी सिद्ध कर दिया - केजरीवाल का कोई जवाब नहीं ....//


खिसियानी बिल्ली क्या करे ?? .. खम्बा ??  नहीं खम्बा नोचे तो ठीक है ..  पर यदि खिसियाहट ज्यादा ही हो जाए तो ?? .. खुद को नोचे ....

और आज ऐसा ही हुआ - क्योंकि जो सिद्धू ने कहा सही कहा - और इतना सही कहा कि खुद खिसिया खुद को ही नोंच डाला ....

तो सिद्धू के कहे का विश्लेषण प्रस्तुत है ....

१) राज्यसभा से इस्तीफे का केजरीवाल से कोई लेना देना नहीं >> यानि राज्यसभा का इस्तीफ़ा भाजपा से ही खिसिया कर दिया था ....
२) केजरीवाल को लगता है वो सबसे ईमानदार हैं >> खिसियाए सिद्धू को नहीं लगता कि सिद्धू सबसे ईंमानदार है ?? .. यानि सिद्धू को मालूम है वो खुद थोड़े बेईमान भी हैं ?? .. तो फिर सबसे ईमानदार कौन ?? .. बादल ?? .... 
३) केजरीवाल पर कोई ऊँगली उठाए तो उन्हें बर्दाश्त नहीं >> लगता है खिसियाए सिद्धू को कोई ऊँगली करे तो उसे मज़ा आता होगा .. गन्दी आदत का क्या किया जा सकता है ?? .... 
४) केजरीवाल ने मुझे प्रचार करने को कहा >> सही कहा ?? .. क्या गलत कहा .. तो सिद्दू क्या चाहते थे ?? मुख्यमंत्री बनना ?? .... अपनी अकल देखी-परखी है जो फ़ोकट खिसिया रहे हो ?? .... 
५) केजरीवाल ने कहा आप चुनाव मत लड़ो  >> सही कहा .. केजरीवाल का अधिकार था .. खिसिया क्यों रहे हो ?? .... अब खुद की पार्टी बना लड़ लेना - हसरत पूरी कर लेना ....
६) केजरीवाल ने कहा अपनी बीवी को चुनाव लड़वा लो - उनको मंत्री बना देंगे >> बहुत अच्छा ऑफर था - ऑफर सही नहीं लगा तो खिसिया क्यों रहे हो ?? .. अब अपनी बीवी को मत लड़वाना .. समझे ?? ....
७) केजरीवाल के नाम बड़े और दर्शन छोटे >> अरे केजरीवाल का नाम तो बड़ा माना .. दर्शन छोटे भी है तो भी बहुत हैं .. और यदि दर्शन छोटे निकले तो तुम खिसिया क्यों रहे हो ?? .... क्या तुम्हें बादल या अमित शाह या मोदी या आडवाणी के दर्शन बड़े लगते थे ?? लगते थे तो पड़े रहते उनके चरणों में .. ये खिसियाए खिसियाए अपना नाम छोटा क्यों कर रहे हो गुरु ?? ..  
८) केजरीवाल किसी को काम का श्रेय नहीं देते >> तुमने कोई काम किया ही नहीं तो खिसिया क्यों रहे हो ?? ....
९) केजरीवाल किसी को काम नहीं करने देते >> तो काम नहीं होगा .. तुम फ़ोकट खिसिया क्यों रहे हो ?? ....
१०) केजरीवाल को हाँ में हाँ कहने वाले लोग पसंद >> पसंद अपनी अपनी .. अब तुम्हे उंगली करने वाले पसंद हैं तो फ़ोकट खिसिया क्यों रहे हो .. है ना ??

तो जनाब सिद्ध हो गया ना कि सिद्दू खिसिया गए - बौरा गए .. और केजरीवाल ने उन्हें भाव नहीं दिए - क्योंकि वो समझ ही गए होंगे कि सिद्धू कोई सिध्द पुरुष नहीं जो उन्हें अकारण तोका जाए .... 

इसलिए ये भी सिद्ध होता है कि केजरीवाल का कोई जवाब नहीं .... वो बहुत यकीन से आगे बढ़ रहे हैं - यकीनन एक प्रचंड जीत की ओर .... !! जय हिन्द !!

पुनश्च : बस अब तो यही देखना है कि योगेंद्र-प्रशांत पहले पार्टी बनाते हैं या सिद्धू .. और अन्ना किसको अपना खिसियाता हुआ आशीर्वाद दे उसकी लुटिया डूबते हैं .. हा ! हा !! हा !!!

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2 comments:

  1. शानदार विश्लेषण और जानदार संश्लेषण दुआ साहब!

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