Tuesday 20 September 2016

// मोदी 'अतृप्त आत्मा' .... केजरीवाल 'तृप्त आत्मा' ....//


मुझे ये आत्मा और परमात्मा का कुछ भी पक्का पक्का पता नहीं .. जैसे कि - क्या ये जानवरों की आत्मा और इंसानो की आत्मा में अंतर होता है कि नहीं ?? .. क्या भैंस और गाय की आत्मा में भी अंतर होता है कि नहीं ?? .. मच्छर बैक्टीरिया आदि में भी छोटी छोटी आत्मा होती है अथवा नहीं ?? .. पुरुषों और स्त्रियों की आत्मा में क्या अंतर है ?? .. ये आत्मा मैन्युफैक्चर कहाँ से होके कैसे आती है - और शरीर में घुसती कब है और निकलती कब है - जाती कहाँ है या मंडराती कहाँ है ?? .. और तो और ये 'प्रेतात्मा' क्या बला है ?? .. क्या ये भी मानव चोले में ही रहती है ?? ..  

पर हाँ इन सबके बारे में सुना तो बहुत है .... और हाँ ग्रंथों पोथियों अखबारों पुस्तकों में और पिक्चरों में ये 'अतृप्त आत्मा' के बारे में भी काफी कुछ सुना है .... और अभी कुछ दिन पहले ही एक उच्च कोटि की प्रेतात्मा टाइप की आत्मा से भी इसके बारे में कुछ ज्ञानवर्धक सुना - और वो ये कि - जिस आत्मा धारी व्यक्ति के पास साईकिल हो और वो स्कूटर की इच्छा करे तो उसकी आत्मा को 'अतृप्त आत्मा" कहा जाएगा ....

और प्रेतात्मा टाइप की आत्मा ने साफ़ किया कि उनकी बात के शाब्दिक अर्थ पर बवाल ना मचाया जाए - और उसका मतलब यह है कि जो हमेशा ज्यादा की चाहत या इच्छा बनाए रखे उसे "अतृप्त आत्मा" माना जाना चाहिए ....   

जनता ने मोदी को लोकसभा चुनाव जितवा दिया - प्रधानमंत्री बनवा दिया - उनके दिन अच्छे हो चले .. पर फिर उन्हें चाहत का कीड़ा काटा - देश को कांग्रेस मुक्त करना है - महाराष्ट्र - हरयाणा - दिल्ली - बिहार - बंगाल - तमिलनाडु - केरल - पंजाब - यूपी - गुजरात - आदि सब जीतना है .. अरुणाचल उत्तराखंड भी हथियाना है .... और तो और २०१९ भी जीतना है और २०२४ भी .... और इसलिए प्रेतात्मा टाइप की आत्मा की विवेचना और तर्क अनुसार मोदी 'अतृप्त आत्मा' सिद्ध होते हैं .... वैसे भी व्यवहार से वो 'अतृप्त आत्मा' ही दिखते हैं ....

और जनाब यदि में मोदी की बात कर उन्हें 'अतृप्त आत्मा' कहूँ और केजरीवाल की बात तक ना करूं तो भक्तों की संतप्त आत्मा तो तड़प ही जाएगी .... इसलिए भक्तों की आत्मा की तृप्ति के लिए कहता चलूँ .... कि अरविन्द केजरीवाल कभी भी और ज्यादा की चाहत करते नहीं दिखे - वो हमेशा मोदी को ही गरियाते रहते हैं - उन्हें ही घेरते रहते हैं - उन्हें ही भला बुरा कहते रहते हैं - और हमेशा से मात्र एक चाहत बनाए हुए हैं .... उन्हें देश का सिस्टम बदल भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों का निपटारा करना है - बस !! .... इसलिए केजरीवाल मुझे सदैव 'तृप्त आत्मा' दिखे .... है ना ?? .. कोई शक ?? .. कोई आपत्ति ?? .. 

और सही बात तो ये भी है कि जब तक मोदी अपदस्थ नहीं होते और केजरीवाल पूर्ण रूप से सफल नहीं होते .. मैं भी 'अतृप्त आत्मा' .. बिल्कुल मोदी जैसे .... हा ! हा !! हा !!! ....

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3 comments:

  1. लाजवाब... बहुत उम्दा... दुआ जी आप तृप्त आत्मा है... और मोदी जी प्रेतात्मा है :D

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  2. Ha ! Ha !! Ha !!! .... Thanks a lot Sir ....

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  3. देश के आजतक हुए घोटालो मे व्यवस्था के कारण दोषी दंडित नही हुए. स्कैम ओपन होने पर सारी बुरी ताकते एक होकर उस स्कैम या अपराध को साक्ष्य सहित दफ़न करने मे जुट जाती है. देश के सामने नाटक हो रहा है.सत्य की जय हो

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