Monday 12 September 2016

// भक्तों के बारे में मेरी सुस्पष्ट उधेड़बुन ....//


साधू शैतान हो जाए .. या शैतान साधू के वेश में आ जाए .... दोनों में फर्क है .... और फर्क दिखता झीना सा है - पर है बहुत बड़ा ....

और फर्क समझने के लिए आप सोचें रामदेव बाबा के बारे में आपके क्या विचार हैं .. क्या वो साधू शैतान है ?? .. या वो शैतान साधू है ?? ....

मित्रो अब आप तो ठहरे समझदार . मनन करेंगे और समझ जाएंगे - पर ये भक्त इतनी आसानी से नहीं समझेंगे .... तो इसलिए भक्तों के लिए अतिरिक्त सहायक उद्धरण देता हूँ ....

भक्तों सोचो कि .... नेता फेंके - या फेंकू नेता बन जाए .. देश को ज्यादा नुक्सान कब होगा ??....

या फिर ....

कोई नेता क्रांतिकारी हो जाए - या क्रांतिकारी नेता बन जाए .. देश का ज्यादा फायदा कब होगा ?? ....

नहीं समझ आया ना ???? .... ठीक है तो मैं और ठेठ आसान शब्दों में समझाता हूँ ....

रामदेव साधू नहीं ....
मोदी देश के लिए नुक्सानदेह .... 
और अरविन्द केजरीवाल देश के लिए फायदेमंद .... हा ! हा !! हा !!! ....

क्या कहा ?? अभी भी नहीं समझे ?? .... बाय गॉड की कसम .. भक्त कुछ समझते ही नहीं ....

और मैं सोच रहा हूँ कि .. क्या भक्त मंदबुद्धि हैं ?? .. या मंदबुद्धि भक्त हो गए हैं ?? ....

मित्रो !! .. आप भी सोचियेगा .... धन्यवाद !! जय हिन्द !!

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2 comments:

  1. Dilip K. Pandey ‏@dilipkpandey 4h4 hours ago
    मोदी जी के सीडी कांड की बात पर बीजेपी प्रवक्ता बौखला क्यों जाते हैं, हम तो बस जाँच करवाने को कह रहे हैं!#Snoopgate https://twitter.com/PulkitKTiwari/status/775382402038398976 …

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