Monday 14 November 2016

/.. मैं यकीनन मानता हूँ कि ५००-१००० के नोट बंद करने का निर्णय उपयुक्त था पर २००० के नोट चालू करने का निर्णय कहीं अधिक गलत .. मैं यह भी देख रहा हूँ कि देश के अधिकांश लोग तमाम कष्ट झेलते लाइन में लगे मोदी के इस अभियान को अभूतपूर्व बिना शर्त समर्थन देते बताए जा रहे हैं .. मैं यह भी देख रहा हूँ कि मोदी के इस अभियान को सफल बनाने में सभी बैंक भरपूर सहयोग दे रहे हैं - और मीडिया भी मोदी के पक्ष को बखूबी प्रसारित कर रहा है - और मोदी अपने दांव पर कायम दिख रहे हैं .. .. .. तो फिर समस्या क्या है ?? .. मोदी इतने उतावले क्यों - विपक्षी पार्टियों को गालियां क्यों - और भक्त सोशल मीडिया पर इतने परेशान और आक्रामक क्यों ?? .. कहीं ऐसा तो नहीं कि अब खुद समझ आ रहा है कि कहीं ना कहीं गच्चा खा गए ?? .. या गच्चा देने में असफल हो गए ?? ..../


1 comment:

  1. Rakesh K. ‏@AAPKA_RK 9h9 hours ago
    देखें और शेयर करे: वो दस करोड़ रु से डॉलर खरीद रहा है और वहाँ से वो एक नंबर के हो जायेंगे AK
    #भाषण_नहीं_राशन_चाहिए pic.twitter.com/JKG92pV0kj

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