ट्रेन में मैनें कुछ यूँ कह दिया - मोदी राज में हालात देखो - टॉयलेट कितने गंदे पड़े हैं ....
एक भक्त मुसाफिर भड़क गया और बोला - कांग्रेस के समय साफ़ होते थे क्या ??
फिर यूँ ही माहौल ठंडाने के लिए मैनें कहा, भाई इस साल सर्दी बहुत है ....
भक्त फिर भड़क गया, और बोला- काँग्रेस के समय नहीं थी क्या ??
इतने में एक और मुसाफिर बोला - मोदी शाना निकला, अपना पैसा ठिकाने लगा नोटबंदी कर दी ....
भक्त फिर भड़क गया और बोला - तो क्या कांग्रेस में शानों की कमी थी क्या ??
एक अन्य मुसाफिर बोला .. सही कहते हो भक्त .. ना गंदगी साफ़ हुई - ना माहौल बदला - ना शानपत कम हुई .. .. कुछ भी तो नहीं बदला ....
और फिर सभी यात्री मुस्कुरा रहे थे - और भक्त भी ....
मुझे लगा - कुछ तो बदल रहा है - अब जाकर भक्तों में भी बदलाव आ रहा है ..../
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