Thursday 16 October 2014

//// क्या अब घिनौने कृत्यों की निंदा भी उपयुक्त नहीं मानी जायेगी ? ////

ये लव-जेहाद के मुद्दे में जो नए नए विवरण सामने आये हैं उसमे मुख्यतः भाजपा के एक नेता व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष विनीत अग्रवाल मेरठ लव-जेहाद प्रकरण में पीड़िता के परिवार को दिनांक 07 अगस्त को नकद रुपये 25,000/- देते कैमरे में कैद हुए - और भाजपा ने पैसे देना स्वीकार भी कर लिया है .... और पीड़िता ने अब मजिस्ट्रेट के समक्ष ये बयान भी दे दिए हैं की लव जेहाद जैसा कुछ भी नहीं था !!!!
मैंने शुरू से ही भाजपा के इस घिनौने कृत्य को पहचान लिया था और इसका विरोध किया था .... और मेरा हमेशा से मानना रहा था कि इस प्रकार के सभी मामले प्रस्थापित कानून व्यवस्था के तहत एक स्वतंत्र पृथक प्रकरण के रूप में लिए जाने चाहिए थे .... पर इसे शर्मनाक और घिनौनी बदनीयती से बिलकुल निरंकुश बनकर धर्म से जोड़ दंगे फसाद कराना और वैमनस्य फैलाना तो हद ही हो गयी - ये हरकत तो जानवरों से भी गयी बीती हो गयी ..... और फिर 344 सीटों के भारी बहुमत से चुन के आने वाले और प्रधानमंत्री बने मोदी जी की इस विषयक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में संलिप्तता या सहमति और गृहमंत्री राजनाथसिंह के बयान मुझे बहुत पीड़ा दे गए ....
मैं तो एक साधारण नागरिक हूँ, पढ़ा लिखा हूँ, अधर्म और फ़िज़ूल कुरीतियों और प्रथाओं के परिप्रेक्ष्य में नास्तिक हूँ, और सेक्युलर हूँ और मानवीय मूल्यों पर ही भरोसा करता हूँ - और शायद इसलिए ऐसे किसी भी संवेदनशील मुद्दे और मुद्दे से जुड़े व्यक्तियों को सिवाय नफ़रत और हिक़ारत के अलावा किसी और दृष्टि से नहीं देख पाता हूँ - और जब मैं किसी को भी केवल मोदी या भाजपा का समर्थन करने के उन्माद या उद्देश्य से देखता हूँ तो भी मुझे पीड़ा ही होती है .... स्पष्ट कर दूँ की कोई भी व्यक्ति इस दुनिया में 100% सही और सच्चा नहीं होता और इसलिए यदि किसी व्यक्ति में कुछ कमी है तो भी उसका समर्थन करना मैं गलत नहीं मानता और इसलिए मेरी आपत्ति मोदी या भाजपा का समर्थन करने हेतु बिलकुल नहीं है, या उनकी अनेक अच्छाइयों की तारीफ करने से भी नहीं है - पर इस घिनौने मानवीय मुद्दे को नज़रअंदाज़ करना और इस मुद्दे की निंदा नहीं करना अखरता है ! और तो और ऐसे मुद्दों पर मेरी निंदा करने को किसी व्यक्ति विशेष या पार्टी की निंदा से ही जोड़ देना भी अखरता है !!!!
ईश्वर से प्रार्थना है कि सांप्रदायिक दंगो फसादों में मृत्यु प्राप्त हज़ारों लाखों निर्दोष इंसानों की आत्मा को शांति प्रदान करे - और मुझे भले ही विकास वैभव सुख दे या ना दे - निर्दोष लोगों को साम्प्रदायिकता के खुल्ले नंगे आतंक से बचाये !!!!

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