Friday 10 October 2014

//// वर्तमान परिस्थितियों में मोदी जी के स्वच्छता अभियान के अव्यवहारिक पहलू ////

स्वच्छता अभियान के तहत की गयी बातों का अपेक्षित क्रियान्वयन न हो पाया है न होता दिख रहा है ....
2 अक्टूबर को ही मोदी जी ने स्वच्छता अभियान के तहत कुछ घोषणाएं करी थी और आह्वाहन किये थे और शपथ दिलवाई थी ....
उनमे से मोदी जी का एक स्पष्ट आह्वाहन था की सब लोग हर सप्ताह 2 घंटे सफाई कार्य हेतु श्रमदान करें !!!!
आज 10 अक्टूबर है - अतः एक सप्ताह बीत चुका है ....
पर मुझे ना तो मोदी जी ना उनके मंत्री ना बड़े उद्योगपति ना फ़िल्मी जगत के सितारे और ना ही कोई उच्च अधिकारी उद्घाटनीय झाड़ू लगा फोटो खिंचवाने और प्रसारित करवाने के उपरांत 2 मिनिट का भी श्रमदान करते दिखे हैं ....
और तो और कोई सामान्यजन या जनसमूह ही उपरोक्त आह्वाहन पर किसी भी प्रकार का प्रतिक्रियात्मक कार्य करते ही दिखे हैं .... और ना ही कहीं कोई अभियान तहत अतिरिक्त स्वच्छता के परिणाम दिखे हैं !!!!
मुझे ये भी महसूस हुआ कि - मान लीजिये एक अच्छा जागरूक नागरिक स्वच्छता की पहली अनिवार्यता का पालन करना चाहता है कि वो कचरा सड़क पर नहीं फेंके - पर उसे ना तो डस्टबिन उपलब्ध है और न ही वो कचरे को जेब में डाल रख सकता है - तो वो क्या करेगा ??
अतः स्पष्ट है कि वर्तमान परिस्थितियों में मोदी जी का आह्वाहन ही अव्यवहारिक है ....
और इसलिए मेरा सुझाव है कि इस पर पुनर्विचार हो .... और बेहतर होगा कि - जनता से अपेक्षित सहयोग और वांछित सरकारी पहल, साथ साथ ही शुरू हो आगे बढे - तब ही इस अच्छे आशय के अभियान के अच्छे परिणाम आएंगे - वर्ना तो 'अच्छे दिन' जैसे ही "अच्छे" सर्वथा विलोपित ही पाएंगे - मात्र फेंका फांकी से कुछ भी ठोस, दीर्घ और अच्छे परिणाम नहीं मिलेंगे ....
और ये पूरे देश के लिए अहितकर ही होगा - क्योंकि स्वच्छ देश का सपना किसी एक नेता का मोहताज नहीं बल्कि इस देश के हर नागरिक का सपना है - और इसलिए मैं प्रधानमंत्री से मांग करता हूँ कि स्वच्छता को अपना सपना बताते हुए अपना दायित्व भी मानें और आवश्यक कार्यवाही करें !!!!

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