Wednesday 1 October 2014

//// परम आदरणीय मोहन.... जी बधाई ////

//// परम आदरणीय मोहन.... जी बधाई ////
आपकी तो उड़ कर लग गयी .... आपके तो भारी अच्छे दिन आ गए ....
और तो और आपके परायों या विरोधियों ने भी आपका लोहा मान ही लिया ....
आपको सफाई पसंद थी तो लीजिये सफाई ही सफाई पूर्णतः नतमस्तक आपके नामे !!!! 
लेकिन अभी आपकी 'अहिंसा' 'सत्यता' 'सादगी' 'धर्मनिर्पेक्षता' पर कुछ होता दिख नहीं रहा है ....
पर आपने तो हमेशा आशावादी होने की प्रेरणा दी थी - सफाई से मामला शुरू हुआ है - आपके मूल्य अपने आप में इतने सशक्त और सारगर्भित हैं कि कल या परसों देर सबेर आपके नामे किसी न किसी को इन मुद्दों पर आपका फिर अनुसरण करना ही पड़ेगा .... तब तक ....
श्रद्धेय राष्ट्रपिताश्री आपको प्रणाम !!!!

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