Thursday 16 October 2014

//// महंगाई पर लगाम हेतु मैं साधुवाद देना चाहता हूँ - पर किसको दूँ ?? ////

मई 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद पहली बार थोक और खुदरा सूचकांक में गिरावट - पेट्रोल भी 1 रुपये और सस्ता - महंगाई भी बढ़ना रुकी लगती है - शायद गरीब को थोड़ी ही सही पर कुछ तो राहत मिलना संभावित - और यदि गरीब को राहत पहुंचती है तो मैं इसका स्वागत करता हूँ और अपनी तरफ से प्रसन्नता व्यक्त करते हुए साधुवाद भी ....
पर ये साधुवाद किसको दूँ ????
ये प्रश्न इसलिए उठता है और मैं उठा रहा हूँ कि - जब महंगाई बढ़ रही थी तब मोदी सरकार चुप थी और कोई विश्लेषण प्रस्तुत नहीं किया गया था - शायद ये अहसास कराया जा रहा था कि ये डायन महंगाई किसी के बस में तो है नहीं - अब बढ़ रही है तो बढ़ रही है - बढ़ने दो - बस - टमाटर यदि 80 रु किलो हो गए तो क्या करें - सरकार इसके लिए कदापि दोषी नहीं है - सरकार ने कुछ किया भी नहीं है - रेल किराया बढ़ाया तो वो तो ज़रूरी था और पूर्व सरकार का निर्णय था .... आदि !!!!
और ईमानदारी की बात कहूँ कि पहली बार मैं इस सरकार की इस विषयक ईमानदारी का कायल हो गया हूँ की आप देखें अभी तक सरकार ने इन घटती दरों का कोई श्रेय भी नहीं लिया है ....
और ना ही कोई विश्लेषण समक्ष में रखा है जो ये बताये कि सरकार ने ऐसा क्या किया कि महंगाई पर लगाम लगना शुरू हुई है और आगे वो क्या करने वाली है ? आदि !!!!
बस इसलिए मैं विचलित हूँ कि इस सरकार के 4-5 महीने के कार्यकाल में पहली अच्छी खबर के लिए मैं किसको साधुवाद दे ईमानदारी से अपने राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन कर सकूँ ? मुझे लगता है कि शायद कोई भक्त ही मेरी मदद कर सकता है - इसलिए उनकी टिप्पणियों का इंतज़ार रहेगा !!!!

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