Thursday 9 October 2014

//// ऐसी बयानबाज़ी से शायद मोदी जी अपनी अपरिपक्वता का परिचय दे रहे हैं ////

अब मोदी जी कह रहे हैं - पाकिस्तान के पूरे मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए ....पर पहले 140 दिन से खामोश बैठे थे - जबकि पाकिस्तान की तरफ से अनवरत गोलीबारी जारी थी - और मोदी जी से प्रतिक्रिया अपेक्षित थी !!!! 
आज सुबह मोदी जी का ये सधा हुआ बयान आ गया था कि जल्द ही सब ठीक हो जाएगा ....
इसके बाद राजनाथ जी ने कहा - प्रधानमंत्री को कोई वक्तव्य देने की आवश्यकता नहीं हैं ....
उसके बाद प्रभारी रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने भी विस्तृत बयान दे दिया था कि सेना ने माकूल जवाब दे दिया है और पाकिस्तान को उसकी हरकतें महंगी पड़ेंगी .... आदि !!!!
और मेरे हिसाब से यहाँ उपयुक्त वक्तव्यों के बाद बयानबाज़ी रुक जानी चाहिए थी !!!!
पर जनाब हद ही हो गयी - हमारे मोदी जी इसके बाद एक चुनावी रैली में राजनैतिक मंच से अपने ठेठ अंदाज़ में बोल दिए कि - जब सीमा ललकारती है तो बयानबाजी नहीं होती है, जवानों की उंगलियां ट्रिगर दबाती हैं - फिर आरोप और उपहास कि पूर्व रक्षा मंत्री शरद पंवार कभी सीमा पर गए थे ? - और फिर भी बोले कि इस विषय पर राजनीती नहीं होनी चाहिए - आदि - इत्यादि !!
पुरे प्रकरण में मेरी विवेचना >>>>
निश्चित रूप से इस विषय पर राजनीति नहीं होनी चाहिए थी - पर राजनीति हो रही है, और की जा रही है - और इस राजनीति में यदि कोई सबसे ज्यादा संलिप्त है और इसका जवाबदार है तो वो हैं हमारे आज के प्रधानमंत्री मोदी जी !!!!
जो प्रश्न और बातें आज मोदी जी को राजनैतिक लग रही हैं वही प्रश्न पूछ पूछ कर और बातें बोल बोल कर मोदी जी लोकसभा के चुनाव जीते - और आज प्रधानमंत्री के पद की मर्यादा के विपरीत एक चुनावी सभा में इतने संवेदनशील मामले में स्वयं स्पष्तः राजनैतिक बयानबाज़ी कर ही बैठे !!!!
इसके अलावा मुझे लगता है कि आज मोदी जी और जेटली जी ने जिन शब्दों का प्रयोग किया है उन शब्दों से ये प्रस्थापित होता है कि भारत ने युद्ध जैसी कार्यवाही करी - जिसका अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत के विरुद्ध इस्तेमाल हो सकता है !!!!
मुद्दे की बात ये है कि आज जो सेना को करने के आदेश दिए गए या जो हमारी सेना ने किया वो तो शायद बिलकुल अपरिहार्य और सही था - पर मोदी जी के द्वारा पूर्व में द्विपक्षीय चर्चा से 'सार्वजनिक ना' कहने के पश्चात आज की सेना द्वारा जवाबी कार्यवाही का सार्वजनिक बखान करना मेरे हिसाब से गलत है, क्योंकि ये अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति के नियमों के विपरीत है - और मुझे लगता है कि मोदी जी अपनी अपरिपक्वता का परिचय दे रहे हैं !!!! उन्हें इस प्रकार के संवेदनशील अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर राजनीति और मोदियाना स्टाइल से अब आगे बचना ही होगा !!!!

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