Friday 17 October 2014

//// "श्रमेव जयते" का हश्र "सत्यमेव जयते" जैसा न हो ////

कल मोदी जी ने "श्रम" संबंधित अनेक योजनाओं और घोषणाओं का पिटारा खोलते हुए "सत्यमेव जयते" की तर्ज़ पर "श्रमेव जयते" का नारा दिया !! आयोजन से संबंधित बड़े बड़े सरकारी विज्ञापन भी देखे !!
सबसे पहले तो मैं मोदी सरकार को श्रमिकों के लिए जो कुछ भी अच्छा सोचा गया है या किया गया है उसके लिए बधाई और धन्यवाद देता हूँ - क्योंकि बिना श्रमिक के श्रम क्या और बिना श्रम इस देश का गरीब श्रमिक कुछ हासिल भी थोड़े ही कर सकता है - अपवाद को छोड़ कर कि जब किसीकी किस्मत ही बुलंद न हो जाए !!!!
तो बस अब एक छोटी सी सुझात्मक प्रार्थना / टिप्पणी और करना चाहूंगा कि ....
कृपया ध्यान रहे कि इस देश में "सत्य" की जो रेड़ पीटी जाती रही है वैसी ही रेड़ कम से कम "श्रम" की नहीं पीटी जाती रहे .... भगवान के लिए हमारे गरीब श्रमिकों के साथ आगे कोई तनिक भी राजनीति या अन्याय नहीं करना - उनके श्रम का पूरा-पूरा मूल्य बिना बंदरबाट और सरकारी अपव्यय के उन्हें पसीना सूखने से पहले प्राप्त ज़रूर करवा देना - धन्यवाद !!!!

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