Wednesday 15 July 2015

//// २५ साल ?? .. क्या मोदी और शाह पूरे ५ साल भी चल पाएंगे ??....////


अभी एक साल पूर्ण होने पर तो मोदी जी ने बीते एक साल को सफलतम घोषित कर दिया था - और घोषणा कर दी थी कि "बुरे दिन गए" ....
और यदि मोदी जी अच्छा कार्य करते रहे तो हर वर्ष अच्छे दिन तो स्वतः ही आते जाएंगे ....
और यदि अच्छे दिन आते जाएंगे तो मोदी हर ५ साल में चुनाव तो स्वतः ही जीतते जाएंगे ....

फिर मुझे समझ ही नहीं पड़ रही है कि ये अमित शाह मोदी के पलीता क्यों लगा रहे हैं ?? उनकी मुश्किलें क्यों बढ़ा रहे हैं ?? किस जनम की दुश्मनी निकाल रहे हैं ?? सुर्री क्यों छोड़ रहे हैं कि अच्छे दिन २५ साल बाद आएंगे ?? और अभी हमें मोदी जी को बार-बार चुनना पड़ेगा - तभी अच्छे दिन आएँगे .... नहीं तो बेडा गर्क ????

कुछ तो गड़बड़ है .... ये २५ साल का फंडा और शाह की सोच में कुछ तो गड़बड़ है .... निश्चित ही इनकी सोच बहुत संकुचित और दूषित है .... और हाँ निश्चित ही अव्यवहारिक भी ....
आप स्वयं कल्पना करें कि भाजपा अध्यक्ष अनुसार तो २५ वर्ष बाद ६५ वर्षीय मोदी तब चाहे अनचाहे ९० वर्ष के होंगे और आवश्यकतानुसार और परिस्थितिवश पट्टा लिखाए प्रधानमंत्री भी होंगे !! .... तो क्या तब भी ८७ वर्षीय आडवाणी लगभग ११२ वर्ष पूर्ण कर मार्गदर्शक मंडल में ही बने होंगे ?? नहीं होंगे तो फिर कहाँ होंगे ?? .... क्या आज का ८० वर्षीय वृद्ध अयोग्य बुढ्ढा है और २५ वर्ष बाद ९० साल का वृद्ध योग्य प्रधानमंत्री होगा ?? .... और क्या शाह भी कोई विशिष्ट पट्टाधारी हैं ????     

और यदि मैं कुछ बेवकूफों के माफिक ही सब्जबाग देखने लगूँ तो क्या मैं मान बैठूं कि मैं अजरता अमरता का वरदान हासिल कर २५ वर्ष बाद  'मोदी राज' में 'अच्छे दिन' देख रहा होऊंगा - और मैं मेरे ब्लॉग में मोदी की तारीफ़ लिख रहा होऊंगा ????

नहीं मित्रो नहीं !! मैं ऐसी हवाई कल्पना नहीं कर सकता - क्योंकि इतनी लम्बी लम्बी कदापि लपेट नहीं सकता .... क्योंकि आज की वस्तुस्थिति तो यही है कि जिन्हें २५ दिन शासन चलाने में २५ गालियां पड़ना शुरू हो गई हों - जिन्हे कल क्या करना है कैसे करना है इसका पता नहीं हो - जो इतनी सारी गंभीर बातों पर जनता को जवाब नहीं दे पा रहा हो - जो आज अपनी ही पार्टी भाजपा में अपना वर्चस्व और अपनी साख खो चुका हो - वो क्या ख़ाक़ अगला चुनाव जीतेगा ????

और स्वयं कभी "जुमले" और कभी "२५ साल" जैसी बकवास पटकने वाले शाह की बात भी हो जाए .... २५ साल बाद भी क्या 'तड़ीपार' जैसे लोग राजनीति में टिके रहेंगे ?? यदि हाँ तो क्या खाक अच्छे दिन आएंगे ?? और यदि ना तो क्या बकवास लोगों की बकवास का कोई औचित्य हो सकता है ?? नहीं ना !!!!

इसलिए मित्रों मेरी कलम से मोदी की तारीफ अभी तो दूर की कौड़ी ही दिखती है .... और मोदी २५ साल चलेंगे - असंभव ! असंभव !! असंभव !!!

तार्किक प्रश्न तो बस अब एक ही है - क्या मोदी और 'तड़ीपार' पूरे ५ साल भी चल पाएंगे ????

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