Friday 31 July 2015

//// IIT रुड़की से छात्रों का निष्कासन - संसद से सांसदों का क्यों नहीं ??....////


आज फिर FTII का मुद्दा वापस चर्चा में आया .... क्योंकि आज राहुल गांधी छात्रों से मिल लिए .... और आज मुझे फिर लगा कि यह मुद्दा तो अभी लंबा चलेगा - क्योंकि सरकार मोदी सरकार है - थोपे गए निदेशक नाकाबिल और बेगैरत जो अड़ गए हैं कि 'मान ना मान मैं तेरा मेहमान' - और छात्र काबिल एकजुट और दृढ़निश्चयी ....

इसलिए काबिल छात्रों से ध्यान हट मेरा ध्यान उन नाकाबिल बतलाए गए ७२ छात्रों की तरफ मुड़ गया जिन्हें IIT रुड़की ने संस्थान से निकाल दिया .... कारण उनका परफॉरमेंस अच्छा नहीं था .... न्यायालय ने भी छात्रों के निष्कासन को सही करार दे दिया .... और मैं भी निष्कासन को सही मानता हूँ .... कारण कि यदि पढाई ही नहीं करनी हो या नहीं कर पा रहे हों तो संस्थान में बने रहने का क्या औचित्य .... कुछ और अच्छा कर लो भाई !!!!

पर मित्रो मेरा मन आज बहुत कचोट रहा है .... वो इसलिए की परफॉर्म ना करने वाले छात्रों को तो संस्थान से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया - पर जो सांसद संसद में सही परफॉरमेंस नहीं दे रहे हैं या दे पा रहे हैं उनका क्या ?? FTII में ठूंसे ठंसाएं गए गजेन्द्र चौहान का क्या ?? उनको बाहर का रास्ता क्यों नहीं दिखाया जाता ????

अब मेरा प्रश्न इतना भी आसान नहीं की झट उत्तर हो सके और उत्तर में एकरूपता हो सके - इसलिए इस प्रकरण में मैं ही उत्तर भी दे देता हूँ ....

छात्रों को इसलिए निकाला जा सका क्योंकि वे मासूम या नासमझ अभी-अभी बालिग़ हुए होंगे .... इस उम्र में नादानी और नासमझी  समझी जा सकती है - इसलिए उनपर दादागिरी करना आसान था सो कर ली गई ....

पर सांसदों को इसलिए नहीं निकाला जा सकता क्योंकि ये शातिर और शाने कभी के ठूंठ हो चुके हैं .... और इस उम्र में इनके द्वारा शानपत और राजनीति समझी जा सकती है - इसलिए इनपर दादागिरी करना नामुमकिन है सो आज तक हुई भी नहीं है .... और गजेंद्र चौहान को मोदी सरकार ने मनोनीत किया था इसलिए हटाने का मन नहीं हो रहा है .... यानि 'मन की बात' - नहीं हटाते जाओ !!!! 

और यदि सांसदों को निकालना भी हो तो इनसे बड़ेवाला कोई है भी तो नहीं जो कार्यवाही कर सके .... वो  तो जनता ही है जो पांच एक साल में मौका पड़ने पर एक शाने को निकाल मजबूरी में दूसरे को संसद के अंदर भेज देती है .... और फिर नए वाला भी कुछ करता धरता नहीं और एक नई चुनौती बन जाता है .... गुर्राता है - है किसी में हिम्मत जो अब मुझे निकाले ????

तो समाधान क्या ????

मेरा उन ७२ छात्रों को सुझाव है कि वो भी राजनीति में आएं - पढाई लिखाई पर से ध्यान हटाएं - शानपत कैसे की जाती है इसका अभ्यास करें - बेशर्मी से कैसे पेश आया जाता है इसकी प्रैक्टिस करें - धरना-प्रदर्शन मारा-कूटी सीखें - IPC की धाराओं का थोड़ा अध्ययन कर लें - भ्रष्टाचार बिन पकड़ाए-धराए कैसे किया जाए ये सीखें - और लफ़्फ़ाज़ी से भरे भाषण कैसे दिए जाएं पारंगत होते ही सांसद नहीं तो विधायक बनने का प्रयास करें - फायदे में रहेंगे - अपना मन छोटा ना करें ....

और यदि ये सब ना कर पाएं तो भी अपना मन छोटा ना करें - वे स्वयं ये सोचें और प्रयास करें कि परफॉर्म न करने वाले सांसदों की छुट्टी कैसे की जाय -  यदि वो ऐसा कर पाए तो ये देश पर बड़ा उपकार होगा !!!! धन्यवाद !!!!

पुनश्च : - IIT रुड़की से निकाले सभी बच्चों को एक विशेष दिशानिर्देश - कभी भी अपने मुहं से ये ना कहें कि वो ग्रेजुएट नहीं है - बल्कि पूरे विश्वास के साथ कहें कि वो ग्रेजुएट ही नहीं पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं - पोस्ट ग्रेजुएशन करने वो ब्रिटेन अमेरिका ऑस्ट्रेलिया इटली आदि जैसे देशों में गए थे पढ़े थे और वहां टॉप किया था .... पर साथ ही विशेष ध्यान दें कि चुनाव आयोग में परचा भरते कुछ गलत नहीं लिखें - वहां तो यही लिखें कि वे १२वी पास हैं - कुछ फर्क नहीं पडेगा - जनता भी कहाँ कुछ देखती है .... कई अंगूठा टेक भी तो चल ही रहे हैं .... बस थोड़ा एडिशनल करना हो तो जरा हेलो हाय वाली क्रिकेटरों वाली इंग्लिश झाड़ना सीख लें - मैं दावे से कहता हूँ वे जल्दी ही मंत्री भी बन जाएंगे !!!!

पुनश्च : - और जो बच्चे अभी भी IIT रुड़की में अध्ययन कर रहे हैं उनके लिए भी मेरा एक संदेश है - पढाई पूर्ण करने के बाद - केजरीवाल जैसा बनने और देश के लिए कुछ अच्छा करने का प्रयास करें .... देश के लिए समाधान समझो निकल ही जाएगा .... FTII के यही छात्र शायद भविष्य में आपके पराक्रम पर शानदार फिल्म बनाएंगे !!!! आमीन !!!!

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