Thursday 30 July 2015

//// हेलो हाय !! से हाय-हाय .... हाय रे !! ये क्या हो गया ....////


और आज अभी राज्यसभा में नारे भी लग गए .... "नरेंद्र मोदी हाय-हाय" ....
और फिर राज्यसभा ठप्प ....

अभी १४ महीन ही तो बीते हैं .... शुरुआत तो हेलो हाय !! से ही हुई थी .... फिर इतनी जल्दी हाय-हाय पर कैसे पहुँच गई ??

शायद बहुत बोलने वाले बहुत चुप हो गए .... और सुनने वाले बोलने लगे .... बस ??
पर चुप क्यों हो गए ??
हाय !! वो खुद समझ पाते .... 
समझ पाते तो खुद कहते - हाय रे !! ये क्या हो गया ....

पर अब क्या कहेंगे ?? क्या कुछ कहने लायक बचे हैं ??
हाँ ....
क्या ?? ....
हाय !!
हेलो हाय वाला हाय ??
नहीं दर्द वाला हाय .... हाय !!
तो आगे क्या ?? ....
बस हाय-हाय - सर्वत्र हाय-रे-हाय ....

2 comments:

  1. Graveyard is closer in its journey! Nice one! Putting the slogan on twitter!

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  2. क्या बात हैं ब्रह्म प्रकाश जी जब हम इज्जत से कुछ पूछते हैं तो आप जबाब नहीं देते !
    फिर हम क्या करे ?
    यदि ब्लॉक लिखने का इतना ही सोक तो उस पर पर्तिकिर्या भी देना सीखो , तभी आप को पता चलेगा आप की बुद्दि भी आप की उम्र के साथ बूढी तो नहीं हो गई !

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