Friday 3 July 2015

//// मदरसे और FTII - मुद्दा एक - शिक्षा में धार्मिक राजनीति का घालमेल ....////


महाराष्ट्र में मदरसों को लेकर कुछ बयान बाज़ी हुई है .... मंत्री महोदय ने मदरसों को स्कूल जैसी मान्यता देने से इंकार कर दिया है .... शायद उनका मानना है कि मदरसों में केवल धार्मिक शिक्षा दी जाती है पर आवश्यक बुनियादी नियमित साधारण शिक्षा के विषय जैसे गणित विज्ञान आदि नहीं पढ़ाए जाते ....
इस विषयक मेरा अभिमत बहुत स्पष्ट है - शिक्षा में धर्म आड़े नहीं आना चाहिए और कोई भी बच्चा उस बुनियादी शिक्षा से महरूम नहीं रहना चाहिए जिसके कारण उसको आगे अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त करने में बाधा आए - स्वाभाविक ही यदि आप बच्चे को शुरू से ही गणित नहीं पढ़ाएंगे तो शायद वो बड़े होने पर चाहकर भी और होशियार होते हुए भी कभी इंजीनियर नहीं बन सकेगा ....
इसलिए मदरसे में भी सभी बुनियादी आवश्यक शिक्षा दी ही जानी चाहिए .... और इसमें सबकी सहमति भी होनी ही चाहिए ....

पर साथ ही मैं ये भी अपेक्षा करता हूँ कि पुणे के प्रसिद्द संस्थान FTII में ऐसे भी निदेशक की नियुक्ति नहीं होनी चाहिए जिसे लगभग सभी छात्र शिक्षा का भगवाकरण के रूप में ही देखते हैं .... ये भी तो एक बुनियादी बात ही है ....

और इससे भी ज्यादा बुनियादी बात तो ये है कि स्मृति ईरानी को भी तो शिक्षा मंत्री नहीं होना चाहिए जो वस्तुतः अच्छी खासी पढ़ी लिखी दिखती तो हैं पर हैं नहीं - और ना ही उनमें पढ़े लिखे के गुण या क़ाबलियत दिखती है .... और शायद इसलिए भी कि वो शिक्षा के भगवाकरण जैसे संघ के एजेंडे को ही आगे बढ़ाने की कोशिश करती दिखती हैं .... और शायद इसलिए भी कि वो चुनाव भी नहीं जीत पाई थीं और केवल मोदी जी की कृपापात्र होकर मंत्री बनी हुई हैं - जिसके कारण उनके कार्य में निष्पक्षता दबंगता और ईमानदारी का समन्वय होना नामुमकिन है ....

अस्तु मेरा मानना है कि मदरसे का मुद्दा सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है - FTII  सबसे स्पष्ट मुद्दा है - और स्मृति ईरानी का मुद्दा सबसे चिंतनीय और शर्मनाक मुद्दा है ....

और यदि स्मृति ईरानी का मुद्दा हल कर लिया जाता है यानि उनको मंत्री पद से हटा अपनी शिक्षा पूर्ण करने मदरसे या अन्य स्कूल या कॉलेज भेज दिया जाता है - तो FTII का मुद्दा तो छात्र लगभग सुलटा ही दिए हैं - मदरसे का मुद्दा भी स्वतः हल हो जाएगा !!!!

1 comment:

  1. Dua ji we are missing your blogs. When will you be back Sir ji ?

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