Wednesday 1 July 2015

//// विचारकों द्वारा इतना लंबा विचार ?? .. विचारणीय !!!! ....////


और अंततः लगभग १ वर्ष पश्चात बीजेपी के पूर्व महासचिव और विचारक कहे और माने जाने वाले स्पष्ट त्वरित वक्तव्यों के लिए ख्यात गोविंदाचार्य ने नरेंद्र मोदी और मोदी सरकार के बारे में कुछ कहा है ....

कहा है और बिल्कुल सही कहा है .... 

// सत्ता के लिए मोदी सरकार ने मुद्दों और मूल्यों को गुडबाय कह दिया है .... मोदी को अपनी विश्वसनीयता पर लग रही चोट के बारे में सोचना चाहिए .... ये सरकार सत्ता के लिए है, न कि जनता के लिए .... मोदी को एक सरकार से ज्यादा अपनी साख और विश्वसनीयता के बारे में सोचना चाहिए .... //

कुछ दिन पहले ही अरुण शौरी फिर लालकृष्ण आडवाणी और फिर यशवंत सिन्हा भी अपनी-अपनी सही बात अपने अंदाज़ में रख चुके हैं ....

मैं सभी विद्वानो की बातों से सहमत हूँ - पर मुझे एक बात हज़म नहीं हो रही है .... और वो ये कि प्रख्यात विचारकों और चिंतकों और कूटनीतिज्ञों और ज्ञानियों द्वारा प्रतिक्रिया देने में इतना विलंब क्यूँ ????
जब मुझ जैसे सामान्य आम आदमी द्वारा बहुत पहले ही उपरोक्त सभी बातों पर अपनी स्पष्ट प्रतिक्रिया दे दी थी तो फिर इन ज्ञानियों को इतना समय क्यों लगा ????

खैर जो हुआ सो हुआ .... पर अब मैं इन सभी विद्वानों को एक और चुनौती देना चाहूँगा .... और वो ये कि इन्होने मोदी जी के विरोध में जो कुछ कहना था वो तो कह दिया - पर क्या ये सभी मोदी और मोदी के प्रमुख प्रतिस्पर्धी केजरीवाल की तुलना पर अपना अभिमत या प्रतिक्रिया भी देंगे ????

वैसे तो मेरा अभिमत जग जाहिर है - पर क्योंकि मैं विद्वानों को चुनौती दे रहा हूँ अतः मेरे अभिमत का तुलनात्मक सार मैं विद्वान गोविंदाचार्य की भाषा में ही निम्नानुसार यहीं लिख देता हूँ ....

// मुद्दों और मूल्यों के लिए केजरीवाल सरकार ने सत्ता को गुडबाय कह दिया था .... केजरीवाल की नीयत साफ़ है इसलिए उनको अपनी विश्वसनीयता के बारे में ज्यादा सोचना ही नहीं पड़ता - वो तो अपना कर्म करते चलते हैं .... केजरीवाल सरकार जनता के लिए है, ना कि सत्ता के लिए .... केजरीवाल की अपनी साख और विश्वसनीयता स्वतः और स्वाभाविकतः ही अच्छी है अतः वो हमेशा अपनी सरकार द्वारा अच्छे कार्य करने के बारे में ही सोचते हैं ....//

तो विद्वान बताएँ - कि मैंने सही लिखा ना !!!!
या मूर्ख बताएँ कि मैंने कुछ गलत लिख दिया क्या ????

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