Thursday, 30 July 2015

अलविदा कलाम साहेब ....

बड़े ग़मगीन हो .... रस्मों रिवाज़ों रवायतों के मुताबिक़ .... आप को सुपुर्दे खाक़ होते देखा ....

आज खाक़ को कलाम होते देखा .... खाक़ को कमाल होते देखा ....

अलविदा !!!!

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