अरविन्द केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के आरोपों का संज्ञान लेते हुए स्वतः ही अपने ही एक मंत्री असीम अहमद खान को मंत्री पद से हटा दिया .... आरोप ये कि मंत्री ने किसी बिल्डर से ६ लाख रुपये की रिश्वत ली थी ....
मेरी प्रतिक्रिया ....
भाजपा को वैसे तो विचलित नहीं होना चाहिए था - पर वो जबरदस्त विचलित हो गई है ....
कारण !! मोदी इतने ईमानदार नहीं - इतने काबिल नहीं - इतने कुशाग्रबुद्धि नहीं - इतने ताकतवर नहीं - इतने दृढ़निश्चयी नहीं - कि अरविन्द केजरीवाल की बराबरी कर सकें .... पर हमेशा मोदी की तुलना केजरीवाल से ही तो की जाती रही है .... और इसलिए मोदी अब केजरीवाल से और कमतर हल्के ही तोले जाएंगे ....
और मोदी मजबूरी में कुछ कर भी तो नहीं सकते .... यदि केजरीवाल स्टाइल में मोदी ने भी २-४ को सरकार या पार्टी से निकालने की नक़ल की - तो सरकार गिर जाएगी ....
और सामान्यतः जब आप सूरमा होने का दावा करते हुए भी आपके प्रतिद्वंदी के विरुद्ध और प्रतिद्वंदी जैसा कुछ अच्छा नहीं कर पाते हैं .... तो फिर विचलित होना या चिंतित होना या खिसियाना स्वभाविक ही है ....
और इसलिए अब आप देखिएगा कि खिसियानी बिल्ली टेके कैसे लगाती है .... उस तथाकथित "भगोड़े" केजरीवाल से डर कर कैसे भागती है - खम्बा कैसे चढ़ती है - और कैसे नोचती है ....
कृपया विदित हो कि विचलित भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा की प्रथम प्रतिक्रिया तो मैं देख चुका हूँ - उनके चेहरे पर खिसियाहट चिंता कुढ़न सब झलक रहे थे ....
और थोड़ी बहुत चिंता कुढ़न तो अब उन मोदी भक्तों को भी हो चली होगी जो १७-१८ महीने की उनकी चहेती सरकार द्वारा कुछ विशेष ना किये जाने के मद्देनज़र खुश नहीं हो सके हैं ....
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