Thursday 29 October 2015

// अब तो व्यथित 'दरबारी' सनक गए हैं ....//


साहित्यकारों के बाद अब तो फिल्मकारों ने भी पुरूस्कार लौटाने शुरू कर दिए .... घोषित कारण - आजकल देश में असहिष्णुता का बढ़ता माहौल, कलबुर्गी एवं अन्य साहित्यकारों की हत्या और एफटीआइआई के छात्र आंदोलन को समर्थन ....

और अब तो पद्म भूषण प्राप्त श्री भार्गव एवं अन्य वैज्ञानिकों ने भी पुरूस्कार लौटाने की घोषणा कर दी है .... घोषित कारण - मोदी राज में पाक बन रहा है भारत - और भारत को पाकिस्तान जैसा नहीं बनते देख सकते .... 

यानि सरकार द्वारा नामकरण किये अनुसार 'दरबारी' बढ़ते जा रहे हैं .... और प्रजा सब देख रही है !!!!

और इसलिए मैं 'राजा' को आगाह करना चाहूंगा कि .... 'दरबार' सज चुका है - 'दरबारी' इकट्ठा होना शुरू हो गए हैं - और 'राजा' के कुशासन के विरुद्ध बिगुल भी बज ही चुका है ....

पर राजा है कि विचारहीन है - और शायद इसलिए ही केवल परेशान है कि ये सब 'दरबारी' तब कहाँ थे जब पूर्ववर्ती राजा के समय कुशासन हुआ था - अब मेरे ही कुशासन पर इतनी मुख़ालफ़त क्यों ????

तो लगे हाथ 'राजा' को बाअदब बता दूँ कि .... व्यथित 'दरबारी' अब सनक गए हैं - बकवास सुनने के मूड में नहीं हैं - कह रहे हैं पहले तू तो सिंहासन से उतर - बाद में पता कर लेना पहले क्या हुआ और क्यों हुआ .... और प्रजा सब देख रही है !!!!

तो बोलो - 'भारत दरबार' की जय !!!! .... 'सनकी दरबारियों' की जय !!!!

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