जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल आजकल भारत के दौरे पर हैं ....
और अभी-अभी उद्घोषणा हुई है कि भारत और जर्मनी के बीच करार हुआ है कि अब भारत के स्कूली बच्चों को स्कूल में जर्मन भाषा पढ़ने का विकल्प शुरू किया जाएगा ..... एवं विदित हो कि साल भर पूर्व ही तीसरी भाषा के रूप में यह विकल्प विलोपित किया गया था .... शायद येल यूनिवर्सिटी के प्रभाव एवं प्रभामंडल के कारण ....
अतः स्पष्ट है कि हमारे बच्चे जर्मन पढ़े या ना पढ़े इसके पीछे कोई ठोस अन्य कारण नहीं है - सिवाय इसके कि जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल भारत दौरे पर आ गई हैं ....
और इसलिए मैं डर रहा हूँ कि कल कहीं हवाई के होनोलुलु से कोई महामहिम ना पधार जाए - नहीं तो सरकार फिर बोल सकती है - जर्मन नहीं अबकी बार हवाई की भाषा "पिडगिन" !!!!
वैसे भी मोदी जी को हवा हवाई बेहद पसंद जो है .... सब कुछ हवा हवाई - होनोलुलु !!!!
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