केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा जी बोल रहे हैं कि दादरी में जो कुछ हुआ वह दर्दनाक है निंदनीय है - और पूरी घटना से उनका दिल भी दुखी है ....
पर जनाब महेश शर्मा जी 'दादरी की दरिंदगी' को ताल ठोंक कर एक हादसा ही बता रहे हैं - "हादसा" !!
श्रीमान दादरी पहुंचे तो - पर एक बार फिर हमलावरों का बचाव करते हुए इस वारदात को हादसा करार दे दिए .... और कह दिए कि " कुछ लोग इस घटना पर राजनीति कर रहे हैं - इसे साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं - यह एक दुखद घटना है - 70 साल से इस गांव में मुसलमान रह रहे हैं - अखलाक की मौत एक हादसा है - ये सुनियोजित घटना नहीं है " ....
मुझे समझ नहीं आता कि क्या ऐसे निर्दयी लोगों का "दिल" भी होता होगा ?? .. और होता होगा तो क्या वो कभी जलता भी होगा ??
मुझे ऐसे लोगों पर बहुत गुस्सा आता है .... और मैं हमेशा से सोचता था कि ऐसे लोगों के ऐसे दिल का क्या किया जाए ??
आज इसका समाधान एक चुटुकुले के मार्फ़त मिल गया .... इस गंभीर संजीदा मामले में भी ना चाह कर भी चुटकुला बताने की धूर्तता कर रहा हूँ .... आशा है क्षमा करेंगे ....
चुटकुला श्री महेश शर्मा जी को दिल से समर्पित ....
" कौन कहता है सिर्फ दिल जलता है .... धूप में खड़ी बाइक पर बैठ कर देखो " ....
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