आज अभी बिहार से बक्सर की चुनावी रैली में मोदी जी ने स्पष्ट कर दिया कि वे वर्तमान में चल रहे आरक्षण के रक्षण में अपनी जान लगा देंगे - और किसी भी प्रकार का परिवर्तन मान्य नहीं होगा ....
यानि स्पष्ट हो गया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भगवत ने जो आरक्षण की समीक्षा की बात कही थी उसे मोदी ने सिरे से ख़ारिज कर दिया .... कम से कम बिहार चुनाव तक तो पक्का - नो पलटी ....
साथ ही मोदी ने यह भी कहा कि दलित अतिदलित पिछड़े अतिपिछड़े के आरक्षण में से ५-५% आरक्षण वापस ले किसी विशेष सम्प्रदाय को देने का षड़यंत्र रचा जा रहा है ....
मोदी का उपरोक्त बयान मैं आधारहीन तथ्यहीन तथा सांप्रदायिक मानता हूँ - और इसलिए इसकी भर्त्सना करता हूँ .... मैं यह भी प्रश्न करता हूँ कि आरक्षण का संवेदनशील विषय तो सरकारों के अध्यधीन होता है - तो क्या सरकारें भी षड़यंत्र करती हैं ?? तो क्या ऐसा षड़यंत्र भाजपा शासित प्रदेशों में भी होना संभव है ?? यदि हाँ तो क्या आपकी केंद्र सरकार भी कोई षड़यंत्र तो नहीं कर रही ?? आरक्षण के नाम पर सांप्रदायिक षड्यंत्र ??
और मैं यह भी प्रश्न करना चाहता हूँ कि क्या मोदी जी आपने "आर्थिक आधार पर आरक्षण" के मुद्दे को भी सिरे से ख़ारिज कर दिया है ?? यदि हाँ तो इतना बोले फिर इस विषयक खुल के क्यों नहीं बोले ?? कहीं षड़यंत्र आप ही तो नहीं कर रहे - गैर आरक्षित आर्थिक रूप से पिछड़े गरीब के विरुद्ध ??
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