Thursday 1 October 2015

//// कुछ राजनैतिक धार्मिक डकैतों ने तो मेरे एक भाई को यूं ही मार दिया ?? ..////


यूपी के दादरी में एक शख्स की मार-मार कर हत्या कर दी जाती है .... शायद इस शंका में कि उसने गौमांस पकाया खाया .... जी हाँ शंका में .... पर यकीनन गाँव के मंदिर पर लगे लाउडस्पीकर से हुई घोषणा के बाद और घोषणा के भी कारण ....पर यदि शंका को सही भी मान लेवें और मंदिर से की गई घोषणा को भी सही मान लेवें - तो भी क्या हत्या को उचित ठहराया जा सकता है ??  नहीं ! नहीं !! सावधान !! बिलकुल भी नहीं !!!!

तो फिर इस हत्या का दोषी कौन ?? या हत्या के दोषी कौन कौन ?? या इस भयावह घटना के कारण क्या ????

राष्ट्रीय बहस जारी है - ओछी टुच्ची राजनीति भी जारी है ....

और इस दौरान मुझे याद हो आए चम्बल की घाटी में वर्षों तक हुए जुल्म और अत्याचार के अनेक प्रकरण .... क्योंकि मालूम होवे कि उस क्षेत्र में अपराध का मुख्य कारण रहता था तीन राज्यों की सीमाओं का उस दुर्गम घाटी में मिलना - उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश और राजस्थान - और डाकू एक राज्य में अपराध करते और दुसरे राज्य मैं भाग जाते - और तीनों राज्य की पुलिस डाकुओं से मस्त मिलीभगत कर ऐश करते हुए अपनी-अपनी जवाबदारी बाकायदा बारी-बारी एक दूसरे पर डाल देती .... और इस प्रकार लुटने वाले लुटते रहे और डकैती का धंधा और पुलिस का धंधा और सरकारी गोरखधंधा भी खूब चलता रहा ....

और चम्बल की डकैती इसलिए याद हो आई कि मैं देख रहा हूँ कि एक बार फिर डकैत से भी बदतर अपराधी अपराध कर किसी की भी पकड़ से बाहर हैं .... बाहर इसलिए कि उत्तरप्रदेश की केंद्र शिकंजित मुलायम के सपूत की सरकार और केंद्र की मोदी सरकार और स्थानीय प्रशासन और अपराध में लिप्त सामाजिक धार्मिक संगठन सब पुलसिया स्टाइल में अपनी अपनी जवाबदारियां एक दुसरे पर डोलते दिख रहे हैं .... यानि लुटने वाले का तो सब कुछ लुट गया क्योंकि वो तो मार ही दिया गया .... पर ये राजनीतिक बेशर्म डकैत अपने-अपने धंधे में व्यस्त हैं ....

धिक्कार है ऐसी सरकारों पर - ऐसी व्यवस्था पर - ऐसे संगठनों पर - ऐसी मानसिकता पर .... और ऐसी होनी पर .... कि मेरा एक भाई यूं ही मार दिया गया .... बस यूं ही .... कुछ राजनैतिक धार्मिक डकैतों के द्वारा .... बड़ी शानपत और मिलीभगत से .... और मैं रो रहा हूँ - असहाय सा - जैसे कि मेरे भाई इखलाक का परिवार रो रहा है - असहाय सा - डरा सा - सहमा सा .... उफ्फ़ !!!!

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