केजरीवाल बोले - 'मेक इन इंडिया' की जगह पहले 'मेक इंडिया' करो ....
केजरीवाल दादरी की घटना पर पीड़ित परिवार से मिले - और बहुत से बयान दिए - और बयान ही नहीं इस काण्ड पर तो विज्ञापन भी दे दिए - पहले रेडियो पर - और फिर टीवी पर जलती मोमबत्ती वाले ....
और उधर मोमबत्ती जलती रही - और इधर भाजपाई सुलगते रहे .... बोले केजरीवाल को जनता ने दिल्ली की जिम्मेदारी दी थी - दिल्ली में अभी डेंगू फ़ैल रहा है - केजरीवाल डेंगू पर ध्यान दें - ज्यादा राष्ट्रीय नेता बनने का प्रयास नहीं करें ....
पर अब तो डेंगू भी कंट्रोल कर लिया गया है .... तो अब तो केजरीवाल भाजपाई इच्छाशक्ति से उन्मुक्त हो राष्ट्रीय महत्व की बातें कर ही सकते हैं .... मोमबत्ती जला ही सकते हैं - रोशनी फैला ही सकते हैं !!!!
पर मैं सोच रहा था कि ये शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को क्या हुआ है ?? .. इनको तो जनता ने महाराष्ट्र में भाजपा की पिछलग्गू रहते हुए महाराष्ट्र की सीमित जिम्मेदारी भर दी थी - फिर ये ग़ुलाम अली साहब को भगा और कसूरी को कसूरवार ठहरा पाकिस्तान और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे पर क्यों बकवास कर रहे हैं ?? .. क्यों भाजपाई सुधींद्र कुलकर्णी पर स्याही फिंकवा स्वयं अपना मुहँ काला कर रहे हैं ?? .. वो भी तब - जब मोदी स्वयं अंतर्राष्ट्रीय घुमन्तु बन विदेश मंत्री का कार्य देख रहे हैं कर तो रहे हैं ??
और सुलगते भाजपाई 'अंतर्राष्ट्रीय' राजनीति करने पर उतारू उद्धव ठाकरे के मामले में घुघ्घू जैसे चुप हैं ....
क्यों ?? कहीं इन्हें दिल्ली के 'राष्ट्रीय' डेंगू मच्छर तो नहीं काट गए ????
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