Monday 22 September 2014

//// संविधान बताये - इस LG का क्या करें ? ////

//// संविधान बताये - इस LG का क्या करें ? ////
भक्तों के जाने के बाद एक मित्र मण्डली में बुद्धिजीवी बात कर रहे थे ....
ये दिल्ली चुनाव का आखिर क्या हुआ ?
मामले में LG को निर्णय लेना है ....
तो LG निर्णय लेते क्यों नहीं ?
क्या बताएं यार .. ये LG गवर्नर राष्ट्रपति आदि संवैधानिक लोग हैं ...
तो क्या बाकि असंवैधानिक हैं ?
नहीं यार हैं तो ये भी सब की तरह असंवैधानिक पर कहलाते संवैधानिक हैं ...
पर यार भले ही संवैधानिक ही हों निर्णय क्यूँ नहीं लेते ....
अब नहीं लेते तो नहीं लेते ... क्या कर सकते हैं ?
क्यों क्या इनमे निर्णय लेने की अकल नहीं होती ?
नहीं अकल तो होती होगी पर ये इस्तेमाल नहीं करते ....
क्यों भाई इस्तेमाल क्यों नहीं करते ?
अरे यार कहा ना ये संवैधानिक हैं न इसलिए ....
तो क्या संविधान में लिखा है कि ये अपनी अकल नहीं लगा सकते ?
हाँ यार एक संवैधानिक विशेषज्ञ टीवी पर यह कह रहा था की वाकई संविधान में ऐसा लिखा है ....
गज़ब है यार ऐसा क्या लिखा है ?
लिखा है ये केवल किसी और की AID & ADVICE पर ही कार्य कर सकते हैं ...
तो फिर अकल वालों को संवैधानिक पदों पर क्यों बैठाया जाता है ?
यार ये तो पता नहीं ?
पर यार सोचो कि सभी पदों पर अकल वाले भी कहाँ बैठाये गए हैं ?
ऐसा क्यों किया होगा ?
क्योंकि इन्हे बैठाने वाले तो अकल वाले हैं ना - बल्कि डेढ़ अकल के शाने हैं ना, इसलिए ...
हम्म्म !!!! अब पूरी बात समझ पड़ रही है .... अब समझ पड़ रही है कि दिल्ली में चुनाव की घोषणा क्यों नहीं हो रही है .... दोष संविधान का भी है ....
शsssssश !! ...... चुप इस देश में संविधान के खिलाफ कुछ भी बोलना मना है ....
क्यों मना है भाई, संविधान में तो सबको बोलने की आज़ादी दी है ....
दी है पर संविधान के खिलाफ नहीं ....
तो फिर कोई पूछे कि दिल्ली में चुनाव क्यों नहीं हो रहे तो क्या जवाब दें ?
अरे यार छोड़ो इस संविधान संवैधानिक असंवैधानिक बातों को .... साफ़ साफ़ ठेठ सही बात बोलो ना कि - भाजपा हार के डर से भाग रही है और चुनाव होंगे तो केजरीवाल जीत जाएंगे - बस इसलिए !!!!
वाह क्या बात कही है - संवैधानिक भी और 100% टंच भी !!!!
पर इस LG का क्या करें ?
संविधान जाने ....

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