Saturday 13 September 2014

//// विलंबित पैदाइश ////

//// विलंबित पैदाइश ////
लव जेहाद और फिर गरबा आदि के मद्देनज़र योगी आदित्यनाथ आदि अन्य विहिप और बजरंग दल आदि के हिंदूवादी नेताओं के तेवर और इरादों और कार्यकुशलता और श्रीराम के प्रति समर्पण भाव इत्यादि को देख तो यही दुःख लगता है कि इनकी पैदाइश काफी विलंब से हुई - काश !! यदि ससमय रामजी के समय ही हो जाती तो कस्सम से सीता जी का अपहरण तो हो ही नहीं सकता था .... ये तो जरूरत पड़ने पर रावण को भी पलक झपकते श्रीलंका से सीधे उठा पाकिस्तान में पटक आते .... रावण के वंशज भी आज पाकिस्तान से राम राम मोदी मोदी मोदी कर रहे होते .... ना रहता कोई झगड़ा ना टंटा !!!!
चलो थोड़ा कम विलंब से ही सही - यदि ये मुग़ल काल में भी पैदा हो गए होते तो भी जोधा की शादी अकबर से तो हो ही नहीं सकती थी - बल्कि ये तो जनाब किसी भी मुसलमान की शादी ही नहीं होने देते और फिर तो मुसलमान होते ही नहीं .... सब दूर शांति .... औरंगजेब को तो ये संस्कारी स्कूली बच्चे की तरह मुर्गा बनवा उठक बैठक लगवा देते .... सबको तभी से चड्डी भी धारण करवा देते !!!!
और हमारा आपका और भी दुर्भाग्य देखिये कि ये ओवैसी आजमखान अटकलभटकल यासीन मलिक हाफिज सईद जैसे फरिश्तों का एक बड़ा टोला भी है जो अभी इस काल में ही पैदा हुए ! यदि ये लोग भी पूर्वकाल में ससमय तशरीफ़ ले आते तो शायद पूरी दुनिया ही अल्लाह अल्लाह के नाम से गूँज रही होती .... क्रिश्चियन और सरदार नाम कि तो उत्पत्ति भी न हुई होती .... और तब भी ना रहता कोई झगड़ा ना टंटा !!!!
लेकिन हम सबका दुर्भाग्य - इतने नायाब नगीने अब जाकर पैदा हुए .... और वो भी सब एक साथ एक काल में .... पर अब क्या ?? ....
बात इतनी बन - बिगड़ चुकी की अब ये कुछ कर न पाएंगे ....
और हम और आप भी क्या करेंगे बस इनको झेलते जाएंगे .... झेलते जाएंगे ????????

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