Thursday 18 September 2014

//// भक्तों को 'सेक्युलर' नाम से एलर्जी क्यों ? ////

//// भक्तों को 'सेक्युलर' नाम से एलर्जी क्यों ? ////
आजकल भक्त लोगों को 'सेक्युलर' शब्द से ही एलर्जी हो गयी है .... जहाँ आपने आदित्यनाथ या साक्षी महाराज का नाम लिया नहीं कि आपको 'सेक्युलर' के नाम पर गाली पड़ना तय है !!!!
उ.प्र. के उपचुनाव में सपा जैसी गई बीती पार्टी के हाथों हार के बाद तो समझो भक्त बौरा से गए हैं .... ये सच मानने में कि हार का कारण सांप्रदायिक कार्ड ही था, इनकी मिद्द निकल रही है - वहीँ दूसरा कोई कारण या बहाना सूझ नहीं पड़ रहा है .... और इसलिए कपडे फाड़ने लगते हैं कि देखो इन 'सेक्युलर' मूर्खों को - कांग्रेस का भ्रष्टाचार और सपा की गुंडागर्दी भूल गए - और हरा दिया भाजपा को !!!!
इनकी बातों से तो ऐसा लगता है जैसे कह रहे हों कि - साम्प्रदायिकता का बखान तो इनके सभी धार्मिक ग्रंथों में है - और इससे कुछ बुरा नहीं होता - बल्कि ये तो देश के लिए बहुत लाभदायक चीज़ है - यही साम्प्रदायिकता एक दिन देश के विकास का कारण बनेगी - बस भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी से बचो -और जैसा हम सोचते हैं वैसा ही सोचो नहीं तो वही गाली दे देंगे - "सेक्युलर कहीं के' !!!!
इससे सिद्ध होता है कि भाजपा में मोदी समर्थक भक्तों का एक वर्ग हिंदूवादी सांप्रदायिक वर्ग है जिसकी सोच ही बहुत बकवास, विघटनकारी और संकीर्ण है .... यहाँ तक संकीर्ण कि वो सेक्युलर मानसिकता को अंग्रेजों कि गुलामी तक से जोड़ देते हैं और ऐसी बकवास करते हैं जैसे कि सेक्युलर लोग तो गुलाम, पिछड़े, मुसलमानो से डरने वाले डरपोक, विभीषण, दोगले, नपुंसक, बुद्धू, देशद्रोही हों !!!!
पर अभी अभी एक सकून की खबर दिखी कि छोटे मोदी यानी सुशील मोदी ने साफ कहा कि वो आदित्यनाथ की बातों से सहमत नहीं थे और उन्होंने उसको रोकने का प्रयास भी किया था .... चलो भाजपा में भी एक समझदार सामने तो आया .... अब देखें ये भक्त सुशील मोदी के बारे में अपने उच्च विचार कब प्रकट करते हैं ????
वैसे बड़े मोदी भी बात तो समझदारी की ही करते हैं यानी 100% टंच सेक्युलर वाली - और मोदी अपने आपको चिल्ला चिल्ला कर सेक्युलर ही तो कहते हैं - पर तब ये बेचारे भक्त मोदी को 'सेक्युलर' के नाम से गाली भी नहीं देते या दे सकते - तब तो इनकी घिघ्घी बंध जाती है !!!!
पर क्या भरोसा मूर्ख भक्त कल से यह भी खुलासा न कर दें कि - मोदी अंदर से सेक्युलर कदापि नहीं - वो तो वोट पाने और सत्ता में आने और बने रहने के लिय केवल 'सेक्युलर' होने और दिखने की एक्टिंग भर करते हैं - इसलिए ही तो भक्त उनकी भक्ति में लीन हैं .... मोदी ! मोदी !! मोदी !!!

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